15+धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के संगम चित्रकूट में घूमने की जगह | Best Place To Visit In ChitraKoot.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Share on

भगवान राम के वनवास के समय उनकी कर्मभूमि रही धार्मिक नगरी चित्रकूट में प्रकृति और धर्म दोनों का संगम देखने को मिलता है चित्रकूट में घूमने की जगह बहुत ही पावन तीर्थ स्थल है जहां भगवान राम ने अपने वनवास का अधिकतम समय बिताया यहां घूमने के लिए आपको प्राकृतिक और धार्मिक जगह के संगम स्थल देखने को मिलेंगे।

चित्रकूट में घूमने की जगह
चित्रकूट में घूमने की जगह

यहां पर मैंने आपको चित्रकूट में घूमने की जगह, चित्रकूट में रुकने का स्थान तथा चित्रकूट में घूमने के लिए कितने दिन चाहिए और चित्रकूट से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी दी है यदि आप चित्रकूट घूमना चाहते हैं या फिर घूमने का मन बना रहे हैं तो आपको चित्रकूट से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी मिलेगी।

Jump to

चित्रकूट धाम परिचय (Chitrakoot )-

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य की सीमाओं के बीचो-बीच बसे चित्रकूट को मंदिरों का शहर कहा जाता है इसे मध्य प्रदेश शासन ने धार्मिक नगरी घोषित किया है। चित्रकूट मंदाकिनी नदी के किनारे बसा भारत का सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है, यह बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है और बहुत ही सांस्कृतिक ऐतिहासिक धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है। यहां भगवान राम ने अपने वनवास के 14 वर्षों में से 11 वर्ष चित्रकूट में बिताएं। इसी कारण से चित्रकूट में जगह-जगह उनकी याद में पावन मंदिर बनाए गए हैं तथा उनकी स्मृति को उजागर करने या उनकी स्मृति को देखने के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चित्रकूट आते हैं |चित्रकूट एक ऐसा पावन तीर्थ स्थल है जहां पर 12 महीने श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।

चित्रकूट दुनिया का इकलौता मात्र एक ऐसा स्थान है जहां पर भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों ने बालक रूप में सती अनसूया के यहां जन्म लिया था। यह मात्र भगवान श्री राम की कर्मभूमि ही नहीं है बल्कि हिंदू धर्म के तीनों बड़े देवताओं की जन्म भूमि भी इसे कहा जा सकता है।

चित्रकूट बहुत ही शांत और सुंदर विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं से घिरी पहाड़ियों का शहर है। इसमे कल-कल बहती हुई पावन मंदाकिनी नदी तथा हरे भरे वृक्ष आपकी यात्रा को आनंददायक बनाए रखते हैं।

धार्मिक नगरी चित्रकूट में घूमने की जगह(Chitrakoot tourist Place)-

चित्रकूट हिंदुओं के लिए एक पावन तीर्थ स्थल है और यहां पर घूमने के लिए आपको बहुत से प्रसिद्ध और प्राचीन हिंदू मंदिर और भगवान राम की याद में बनाए गए मंदिर मिलेंगे साथी यहां पर प्राकृतिक स्थल भी हैं जहां पर आप अपने परिवार के साथ घूमने जा सकते हैं। चित्रकूट के आसपास तथा चित्रकूट में घूमने के सभी दर्शनीय स्थलों के नाम निम्न है-

  1. रामघाट चित्रकूट धाम
  2. कामतानाथ चित्रकूट धाम
  3. हनुमान धारा चित्रकूट धाम
  4. लक्ष्मण पहाड़ी चित्रकूट धाम
  5. सती अनसूया चित्रकूट धाम
  6. गुप्त गोदावरी चित्रकूट धाम
  7. स्फटिक शिला चित्रकूट धाम
  8. भरतकूप चित्रकूट धाम
  9. वाल्मीकि आश्रम चित्रकूट धाम
  10. श्री तुलसी पीठ सेवा न्यास
  11. प्रमोद वन चित्रकूट धाम
  12. जानकी कुंड चित्रकूट धाम
  13. चित्रकूट टाइगर रिजर्व
  14. धारकुंडी
  15. सीतापुर
  16. गणेश बाग

रामघाट – चित्रकूट (Ramghat chitrakoot)

Ram Ghat Chitrakoot
Ram Ghat Chitrakoot

चित्रकूट में घूमने की जगह में रामघाट एक बहुत ही सुंदर जगह है, यह वह स्थान है जहां भगवान राम नित्य स्नान किया करते थे। यहां पर वर्तमान में एक बहुत ही सुंदर घाट बनाया गया है जहां पर आप सभी जाकर स्नान कर सकते हैं |आप भी अपनी यात्रा का शुभारंभ रामघाट में स्नान करने के बाद ही करिए| यहां पर भगवान के काफी सुंदर मंदिर बने हुए हैं, और गोस्वामी तुलसीदास जी की मूर्ति भी लगी हुई है| आप रामघाट में नौका विहार का आनंद ले सकते हैं और यहां की शाम को होने वाली आरती मन को बहुत ही सुकून देती है।

कामतानाथ – चित्रकूट (Kamtanath chitrakoot)-

Kamta Nath Chitrakoot
Kamta Nath Dham Chitrakoot

चित्रकूट में कामदगिरी नामक पर्वत है जिसका अर्थ होता है “कामना की पूर्ति” अर्थात जो भी यहां आता है उसकी मनोकामना की पूर्ति होती है| चित्रकूट में कामदगिरी पर्वत पर ही भगवान कामतानाथ का मंदिर है, और यहीं पर भगवान राम और भरत के मिला के स्मृति में बनाया गया भरत मिलाप मंदिर भी है| चित्रकूट में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध स्थान कामदगिरी पर्वत है इसे ही कामतानाथ धाम भी कहा जाता है श्रद्धालु यहां पर वैसे तो हमेशा आते हैं लेकिन हर अमावस्या को लाखों लोग यहां पर आते हैं और कामदगिरि पर्वत की 5 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। इस पर्वत के तल में आपको चित्रकूट का बाजार और बहुत से छोटे-बड़े मंदिर भी देखने को मिलेंगे यह चित्रकूट में घूमने की बहुत अच्छी जगह है।

हनुमान धारा – चित्रकूट (Hanuman dhara chitrakoot)

हनुमान धारा चित्रकूट में स्थित एक बहुत ही पावन तीर्थ स्थल है यह चित्रकूट में घूमने की की बहुत अच्छी जगह है यहां पर पर्वत में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के सामने तालाब में झरने से पानी गिरता है कहा जाता है कि यह धारा श्री राम ने लंका दहन से आए हनुमान जी के विश्राम के लिए बनवाई थी इस पहाड़ी के शिखर पर सीता रसोई भी है| यहां से चित्रकूट का सुंदर व्यू देखा जा सकता है।

लक्ष्मण पहाड़ी – चित्रकूट ( Laxman pahadi Chitrakoot)

Laxman Pahadi Chitrakoot
Laxman pahadi Chitrakoot

लक्ष्मण पहाड़ी चित्रकूट धाम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल है यह मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है माना जाता है कि भगवान राम के वनवास के दौरान उनके छोटे भाई लक्ष्मण ने इसी पहाड़ी से भगवान राम और सीता की रक्षा की थी इस पहाड़ी की ऊंचाई लगभग 264 मीटर है इस पहाड़ी में एक मंदिर है जो भगवान राम और लक्ष्मण और माता सीता को समर्पित है मंदिर के पास एक कुंड है जिससे लक्ष्मण कुंड कहा जाता है इस पहाड़ी में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और मंदिर में पूजा करते हैं यह बहुत ही ऐतिहासिक धार्मिक पर्यटन स्थल है।

सती अनसुइया आश्रम – चित्रकूट (Sati Anusuya Ashram Chitrakoot)

Sati Anusuya Ashram
Sati Anusuya Ashram Chitrakoot

चित्रकूट मे मंदाकिनी नदी के किनारे बसा सती अनसुइया धाम एक बहुत ही शांत और सुंदर मनोरम प्राकृतिक तथा धार्मिक स्थल है। यही वह स्थान है जहां पर माता अनुसूइया के यहां भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश ने बालक रूप में जन्म लिया था यहां एक भव्य मंदिर बना हुआ है जिसमें अत्रि मुनि अनसुइया दत्तात्रेय और दुर्वासा मुनि की प्रतिमा है और यही मंदिर के सामने सुंदर हरे भरे वृक्षों से के बीच से मंदाकिनी नदी भी बहती है चित्रकूट में घूमने की जगह में सती अनसुइया एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल है। इसी स्थान पर माता अनुसूया ने सीता माता को पतिव्रता धर्म के नियम बताए थे।

गुप्त गोदावरी – चित्रकूट (Gupt godavari Chitrakoot )

Gupt Godavari Chitrakoot
Gupt Godavari Chitrakoot

चित्रकूट में घूमने के लिए गुप्त गोदावरी एक बहुत ही अच्छा पावन तीर्थ स्थान है कहा जाता है कि यहां भगवान राम और लक्ष्मण ने दरबार लगाया था यह यहां पर दो गुफाएं हैं एक गुफा में आसानी से नहीं घुस जा जा सकता है और दूसरी गुफा चौड़ी है और ऊंची भी है यहीं पर एक छोटा तालाब है जिसे गोदावरी कहा जाता है गुफा के अंदर से पानी बहता है। गुप्त गोदावरी चित्रकूट में घूमने की जगह में एक ऐसा स्थान है जहां पर आपको एडवेंचर का अनुभव होता है।

स्फटिक शिला – चित्रकूट (Sphatik shila Chitrakoot)

चित्रकूट में घूमने जगह के लिए स्फटिक शिला एक बहुत अच्छा प्राकृतिक स्थान भी है कहा जाता है कि यहां पर माता-पिता ने भगवान राम के साथ अपना अधिकतम समय बिताया और साथी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि यही वह जगह है जहां पर इंद्र के पुत्र जयंत ने माता सीता के पैर में काट लिया था यहां पर पर्यटकों को भगवान राम के पद चिन्ह भी सेलोन पर देखने को मिल जाते हैं स्फटिक शिला चित्रकूट में जानकी कुंड से थोड़ी दूरी पर मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है।

भरत कूप – चित्रकूट (Bharat koop chitrakoot)

चित्रकूट में भगवान कामतानाथ की पर्वत की परिक्रमा करते वक्त एक को मिलता है जिसे हम भारत को कहते हैं इस कूप के विषय में कहा जाता है कि जब भगवान राम के छोटे भाई भरत भगवान राम का राज्याभिषेक करने के लिए सभी तीर्थ का जल अपने साथ लेकर आए थे तो उसे भगवान श्री राम के कहने पर इसी कप में डाला गया था और तभी से इसे भरतकूप के नाम से जाना जाता है।

वाल्मीकिआश्रम – चित्रकूट (Valmiki Ashram Chitrakoot)

वाल्मीकि आश्रम चित्रकूट धाम में स्थित एक बहुत ही पावन और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है यह उत्तर प्रदेश में आता है कहा जाता है कि यहीं पर भगवान श्री राम की जीवन कथा रामायण लिखने वाले आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने तपस्या की थी और इसी स्थान पर रामायण की रचना भी की थी यहां पर महर्षि वाल्मीकि की जीवन गाथा मूर्तियों के माध्यम से बताया गया है यहां पर 12वीं शताब्दी का बना हुआ एक राम मंदिर भी है जहां पर भगवान राम लक्ष्मण और माता सीता की मूर्ति हैं और यही पास में एक संस्कृत विद्यालय भी है जो संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देता है।

चित्रकूट में घूमने की जगह
Valmiki Ashram Chitrakoot

चित्रकूट में घूमने की जगह बहुत ही ऐतिहासिक और संस्कृत हैं साथ ही इनका पौराणिक महत्व भी है इसी प्रकार वाल्मीकि आश्रम के विषय में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है जब भगवान राम ने माता सीता का त्याग किया था तब माता सीता इसी स्थान पर आकर रुकी थी और यहीं पर लव कुश का जन्म भी हुआ था इसलिए इस स्थान का धार्मिक महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

श्री तुलसी पीठ सेवा न्यास (Tulsi Peeth )

श्री तुलसी पीठ सेवन न्यास एक धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्था है जो मध्य प्रदेश के चित्रकूट में स्थित है इसे इसे जगतगुरु रामभद्राचार्य द्वारा स्थापित किया गया था इसका नाम गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम पर रखा गया है जिन्होंने रामचरितमानस की रचना की थी इसके माध्यम से विकलांग व्यक्तियों के लिए सहायता प्रदान सेवाओं की व्यवस्था की जाती है। यहां पर श्रद्धालु जाते हैं और अपनी इच्छा से समाज सेवा के लिए दान भी करते हैं। यहीं पर नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए विद्यालय की व्यवस्था है।

प्रमोद वन चित्रकूट (Pramod Van )

धार्मिक नगरी चित्रकूट में घूमने के लिए प्रमोद वन एक बहुत अच्छा और शांत वातावरण वाला पर्यटन स्थल है कहा जाता है कि यहां पर एक 500 साल पुराना वट वृक्ष लगा है जिसे कल्पवृक्ष भी कहा जाता है इसकी पूजा करने से मनोकामना की पूर्ति होती है साथ ही पुत्र रत्न की प्राप्ति भी होती है जिस किसी के भी पुत्र पुत्री नहीं होते हैं वह यहां पर आते हैं और इस वृक्ष की पूजा करते हैं और अपनी मनोकामना की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। इस वट वृक्ष की ओर से जुड़ी बहुत सी पौराणिक कहानियां भी हैं।

जानकी कुंड चित्रकूट (Janki kund Chitrakoot)

रामघाट से 2 किलोमीटर की दूरी पर मंदाकिनी नदी के किनारे जानकी कुंड स्थित है माता सीता का नाम जानकी भी है कहा जाता है कि वनवास के समय माता-पिता यहीं पर स्नान किया करती थी इसी कारण से इस स्थान को जानकी कुंड के नाम से जाना जाता है यहां पर रघुवीर मंदिर और संकट मोचन मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और फेमस मंदिर है और यही चित्रकूट धाम में भी ही बहुत प्रसिद्ध अस्पताल भी हैं जहां पर गरीबों के लिए आंखों का इलाज मुफ्त में किया जाता है चित्रकूट में इलाज की सुविधा भी सस्ती और बहुत ही अच्छी है।

चित्रकूट टाइगर रिजर्व (Chitrakoot Tiger Reserve)

चित्रकूट के रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण को ही चित्रकूट टाइगर रिजर्व बनाया गया है यह उत्तर प्रदेश का चौथा तथा देश 53 वां टाइगर रिजर्व अभ्यारण है यहां पर आपको सभी प्रकार के वन्य जीव देखने को मिल जाते हैं यह प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है चित्रकूट में घूमने की जगह में यह एक बहुत ही अच्छा प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह पन्ना टाइगर रिजर्व से मात्र डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पर है यहां पर पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों की लाने की योजना भी है।

धारकुंडी आश्रम चित्रकूट (Dharkundi Ashram Chitrakoot) –

Dhar kundi Ashram -चित्रकूट में घूमने की जगह
Dhar kundi Ashram Chitrakoot

चित्रकूट से 50 किलोमीटर दूर स्थित धारकुंडी नामक स्थान पर एक बहुत ही सुंदर आश्रम है जिसे धारकुंडी आश्रम के नाम से जाना जाता है कहा जाता है कि महाभारत के समय युधिष्ठिर और दक्ष के बीच यहीं पर संवाद हुआ था यहां पर आपको प्रकृति और आध्यात्मिक के बीच अनोखा संवाद देखने को मिलता है यहीं पर पूज्य संत स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी के शिष्य भी यहीं पर रहते हैं जिन्हें देखने या उनके दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु आते हैं घूमने के लिए एक बहुत ही अच्छा स्थान है।

सीतापुर चित्रकूट (Sitapur Chitrakoot)-

चित्रकूट में भगवान राम ने अपने वनवास का अधिकतम समय बिताया इसलिए वे चित्रकूट के जिस जिस नगर या आसपास के इलाके में गए वहां भगवान राम की स्मृति में कुछ ना कुछ मंदिर या फिर आश्रम बने हुए हैं इसी प्रकार सीतापुर भी भगवान राम लक्ष्मण और माता सीता की स्मृतियों को सजोए हुए हैं यहां पर आपको चित्रकूट का एक अच्छा बाजार भी देखने को मिलता है यहां पर साधु संतों के आश्रम भी बने हुए हैं सीतापुर घूमने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है इसे सीता माता की याद में ही सीतापुर कहा जाता है।

गणेश बाग चित्रकूट (Ganesh Bagh Chitrakoot)

Ganesh bagh chitrakoot
Ganesh Bagh Chitrakoot

मिनी खजुराहो के नाम से जाने जाने वाले चित्रकूट के गणेश भाग को मराठा शासन के पेशवा नरेश विनायक राव पेशवा द्वारा 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था इसे खजुराहो मंदिरों की तरह ही इसका निर्माण करवाया गया था इसी कारण इसे मिनी खजुराहो कहा जाता है यह चित्रकूट धाम में उत्तर प्रदेश के भाग में चित्रकूट जिला के जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में स्थित है यह घूमने के लिए एक बहुत ही सुंदर और अच्छी जगह है यहां पर आपको एक बहुत ही गहरी बावली सुंदर मंदिर और बहुत ही सुंदर तालाब देखने को मिलता है यहां का लुक बिल्कुल खजुराहो जैसा है इसलिए यदि आप चित्रकूट घूमने जाएं तो गणेश बाग जरूर घूमने जाएं।

चित्रकूट के आसपास घूमने की जगह-

चित्रकूट में घूमने की जगह बहुत सारी है हम सभी यह जगह के नाम जान चुके हैं अब हम आपको चित्रकूट के आसपास घूमने की सभी जगह के नाम बता रहे हैं जहां आप चित्रकूट घूमने के बाद आराम से जा सकते हैं यह सभी जगह बहुत ही प्रसिद्ध और ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व की भी है-

मैहर में स्थित शारदा माता का मंदिर

sharda mata mandir maihar
sharda mata mandir maihar

चित्रकूट से 120 किलोमीटर दूर मैहर में माता शारदा का मंदिर है यह 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है यह देशभर में बहुत ही प्रसिद्ध शक्तिपीठ है यहां पर बुंदेलखंड के प्रसिद्ध योद्धा आल्हा और उदल के विषय में कहा जाता है कि वह आज भी पूजा करने आते हैं यह बहुत सारी राशियों से भरा हुआ मंदिर है एवं घूमने के लिए एक बहुत ही पावन तीर्थ स्थल है|

Read – चित्रकूट के पाससतना जिले में और भी हैं घूमने को बहुत से दर्शनीय स्थल|

कालिंजर का किला

kalinjar kila
Kalinjar Fort

कालिंजर स्थित चित्रकूट से 65 किलोमीटर दूर कालिंजर में कालिंजर का किला एक बहुत ही ऐतिहासिक किला है इस किला का अपना ऐतिहासिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है कहा जाता है कि यहां भगवान शंकर अमृत मंथन से निकले विष को पीने के बाद यहीं पर आकर रुके थे| इतिहास में इसके लिए में बहुत सी लड़ाइयां हुई है लेकिन इसे सीधे तौर पर जीता नहीं जा सका है |यहां पर आपको घूमने तथा देखने के लिए बहुत ही सुंदर-सुंदर मजबूत पत्थरों पर बनायीं गयी अद्भुत शिल्प कला देखने को मिलेगी यह आस पास के क्षेत्रो का प्रमुख पर्यटन स्थल है |

खजुराहो के मंदिर

khajuraho tourist place
Khajuraho Temple Near By Chitrakoot

खजुराहो एक विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है यहां पर हर वर्ष लाखों की संख्या में विदेश से पर्यटक आते हैं यह घूमने के लिए एक बहुत ही अच्छा ऐतिहासिक सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल है यहां पर आपको बहुत अच्छे-अच्छे मंदिर देखने को मिलते हैं जिन पर उकेरी गई मूर्तियाँ ज्यादातर कामुक मुद्रा को दर्शाती हैं साथ ही इन मंदिरों में की गई सिर्फ कल अद्भुत है जब आप चित्रकूट से खजुराहो की तरफ आते हैं तब आपको बीच में ही धार कुंडी आश्रम और उसके बाद बृहस्पति कुंड एवं पांडव फल और भी छोटे-छोटे बहुत से पर्यटन स्थल भी देखने को मिलते हैं और इसी के पास पड़ता है पन्ना टाइगर रिजर्व भी है |

Also Read – धार्मिक नगरी पन्ना के सभी दर्शनीय स्थलों की खूबसूरत तस्वीर और नाम|

प्रयागराज –

चित्रकूट में घूमने की जगह में प्रयागराज को भी शामिल किया जाता है प्रयागराज को हिंदू धर्म में तीर्थ का राजा कहा जाता है यहां पर गंगा यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का संगम है हिंदू धर्म में प्रयागराज का महत्व बहुत अधिक है प्रयागराज के महत्व से हम सभी भली-भांति परिचित हैं ऐसे ही पहले इलाहाबाद कहा जाता था अब प्रयागराज कहा जाता है। चित्रकूट से प्रयागराज की दूरी 125 किलोमीटर है आप आसानी से 2 घंटे में जा सकते हैं।

चित्रकूट में घूमने की जगह हमने इस पोस्ट में आपको चित्रकूट में घूमने के लिए सभी बेहतरीन जगह के नाम और उनके धार्मिक ऐतिहासिक महत्व भी बताया हुआ है इन जगहों के विषय में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अलग से सर्च कर सकते हैं अब यदि आप यहां पर चित्रकूट घूमने के लिए आना चाहते हैं तो आपके यहां पर रुकने के लिए भी जानकारी चाहिए होगी इसलिए हम चित्रकूट से संबंधित और भी जानकारी नीचे दे रहे हैं।

चित्रकूट में ठहरने की व्यवस्था (chitrkut me thahrne ki vyastha)

चित्रकूट में ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था है यदि आप होटल में रुकना चाहते हैं तो आपको चित्रकूट में अच्छे से अच्छा और सस्ता होटल भी मिल जाएगा लेकिन यदि आप कम बजट में अपना काम चलाना चाहते हैं तो आपको रोकने के लिए धर्मशालाएं मिल जाएंगे जहां आपको एक रात का सौ से डेढ़ सौ रुपए ही लगेगा कुछ धर्मशालाएं तो मुक्त होती हैं और साथ ही आपके यहां पर भोजन भी मिल जाता है इसलिए चित्रकूट में रुकने की व्यवस्था की कोई कमी नहीं है आप आराम से चित्रकूट में आ सकते हैं और अपने बजट के अनुसार तैरने की व्यवस्था कर सकते हैं यहां पर जगह-जगह पर धर्मशालाएं हैं जहां पर आप आराम से ठहर सकते हैं कुछ धर्मशाला के नाम निम्नलिखित हैं-

  1. जैन पुरिया धर्मशाला – पोद्दार इंटर कॉलेज के पास चित्रकूट रोड, सीतापुर, जिला चित्रकूट यूपी|
  2. कामदगिरि भवन – निकट रामघाट सीतापुर, चित्रकूट यूपी|
  3. रेन बसेरा – चित्रकूट रोड सीतापुर, जिला चित्रकूट यूपी|
  4. एमपी पर्यटन बांग्ला|
  5. चित्रकूट भरत मंदिर धर्मशाला|
  6. पितृ स्मृति धर्मशाला |
  7. माहेश्वरी धर्मशाला|
  8. सीता भवन धर्मशाला|

चित्रकूट में घूमने के लिए सही समय-

चित्रकूट एक ऐसा पावन तीर्थ स्थल है जहां घूमने के लिए हमेशा एक अच्छा समय होता है यहां का आप शांत वातावरण हमेशा ही घूमने के अनुकूल होता है इसलिए यदि आप अधिक बरसात को छोड़कर किसी भी मौसम में यहां घूमने के लिए आ सकते हैं दीपावली के अवसर पर यहां विशेष मेला लगता है जो की 10 से 15 दिन तक चलता है इसके अलावा चित्रकूट में हर अमावस्या को आसपास के जिलों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कामदगिरि में परिक्रमा करने आते हैं। वर्ष भर में सबसे ज्यादा भीड़ यहां पर दीपावली में ही होती है, दीपावली के समय देश के कोने-कोने से लोग यहां पर दीपदान के लिए आते हैं।

चित्रकूट में घूमने के लिए कैसे पहुंचे-

चित्रकूट एक प्रसिद्ध पवन पर्यटन स्थल है इसलिए यहां पर घूमने आने जाने वालों के लिए यातायात की कोई कमी नहीं है आप यह चित्रकूट घूमने के लिए बस ट्रेन का इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा यदि आप हवाई जहाज से आना चाहे तो आपका निकटतम हवाई अड्डा चित्रकूट और प्रयागराज है इसके अलावा और भी आसपास हवाई पट्टियां है लेकिन वहां पर अभी हवाई सेवा चालू नहीं है लेकिन प्रयागराज जो कि यहां से मात्र 120 किलोमीटर दूरी है वहां पर आपको हवाई अड्डा भी मिल जाता है|

चित्रकूट यात्रा से संबंधित FAQ

चित्रकूट की परिक्रमा कितनी है

चित्रकूट मैं कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगभग 5 किलोमीटर की है जिसे करने में आपको लगभग तीन से चार घंटे लग जाते हैं क्योंकि यहां पर बहुत सी मंदिर है जिनके दर्शन करते हुए आप आराम से परिक्रमा करते हैं।

चित्रकूट लोग क्यों जाते हैं

चित्रकूट हिंदुओं के लिए एक पावन तीर्थ स्थल है यहां पर भगवान राम ने अपने वनवास का अधिकतम समय यहीं पर बिताया था इसलिए चित्रकूट में लोग भगवान राम की स्मृतियों को देखने के लिए जाते हैं एवं यहां सुंदर मंदिर बने हुए हैं।

चित्रकूट में घूमने के लिए कितने दिन चाहिए

चित्रकूट में घूमने के लिए आपको दो से तीन दिन चाहिए आप दो से तीन दिन में चित्रकूट के सभी पर्यटन स्थल को आराम से घूम सकते हैं।

चित्रकूट की फेमस चीज क्या है।

चित्रकूट में वैसे तो कई प्रकार की मिठाइयां और भी चीज बहुत ही फेमस है लेकिन यहां पर पाया जाने वाला कंदमूल फल जिसे भगवान राम ने खाकर अपने 14 वर्ष वनवास के बताए थे बहुत ही प्रसिद्ध है।

Share on

Leave a comment