10 सतना में घूमने की जगह | Satna me ghumne ki jagah.

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Satna me ghumne ki jagah मध्य प्रदेश की खूबसूरत विंध्य की पहाड़ियों में स्थित सतना मे घूमने की बहुत शानदार जगहें है जहां वर्ष भर पर्यटकों का आना लगा रहता है। सतना को प्रमुख रूप से व्यापारिक केंद्र एवं सीमेंट उद्योग के लिए भी जाना जाता है। सतना एक बहुत ही ऐतिहासिक एवं प्राचीन शहर है सतना के मैहर मे मां शारदा देवी मंदिर एवं चित्रकूट धाम ऐसे दर्शनीय स्थल है जहां वर्ष पर पर्यटक की भीड़ लगी रहती है। इनके अलावा भी अन्य बहुत पर्यटन स्थल सतना में है जिन्हें देखने के लिए लोग हमेशा उत्सुक रहते हैं।

सतना में घूमने की जगह | Satna me ghumne ki jagah
सतना में घूमने की जगह

सतना में घूमने के प्रमुख दर्शनीय स्थल

  • शारदा देवी मंदिर मैहर
  • चित्रकूट धाम
  • भरहुत स्तूप
  • राम वन तुलसी संग्रहालय
  • गृध्दकूट पर्वत
  • धारकुंडी आश्रम
  • गैवीनाथ धाम बिरसिंहपुर
  • पारसमनिया पर्वत एवं झरना
  • वेंकटेश मंदिर

शारदा देवी मंदिर – मैहर

Sharda Mata MAndir, Maihar – Satna

सतना में घूमने के लिए शारदा देवी मंदिर एक बहुत ही प्राचीन दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर सतना से 42 किलोमीटर दूर मैहर में त्रिकूट पर्वत शिखर पर स्थित है। इस पर्वत पर चढ़ने के लिए 1000 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पडती हैं, इस मंदिर में कहा जाता है आल्हा-ऊदल में से आल्हा आज ही पूजा करने आते हैं और मां शारदा की सबसे पहले पूजा आल्हा ही करते हैं। इस मंदिर में वर्षभर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं, यहां आने के लिए हर मौसम अच्छा है। नवरात्रि में यहां बहुत भीड़ होती है। यह मंदिर पूरे देश भर में प्रसिद्ध मंदिर है।

सतना का प्रमुख दर्शनीय स्थल – चित्रकूट धाम

Satna me ghumne ki jagah|
Ram Van Nivash Sthan – Chitrakoot Satna

सतना में घूमने की सबसे सुंदर जगह चित्रकूट धाम है। चित्रकूट सतना से 75 किलोमीटर दूर है। चित्रकूट को धार्मिक नगरी का दर्जा हासिल है। चित्रकूट में भगवान राम ने अपने वनवास का सबसे अधिक समय बताया था चित्रकूट में “कामदगिरी” नामक पर्वत है, जिसमें भगवान कामतानाथ का मंदिर है “कामदगिरि” का शाब्दिक अर्थ होता है – “कामना की पूर्ति”। माना जाता है-यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना की पूर्ति होती है। यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, हर अमावस्या यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं दीपावली के समय दीपदान के लिए वर्ष भर में सबसे अधिक भीड़ होती है यहां कम ठंड तथा कम गर्मी के मौसम में आने के लिए बहुत ही अच्छा स्थान है। चित्रकूट में और भी बहुत सी जगह है जहां पर आप घूम सकते हैं उनके नाम निम्नलिखित है-

  • सती अनुसुइया आश्रम।
  • रामघाट ।
  • हनुमान धारा।
  • गुप्त गोदावरी।
  • स्फटिक शिला।
  • राम-भरत मिलाप मंदिर।
  • लक्ष्मण मंदिर।
  • सीता रसोई।

भरहुत स्तूप-सतना

सतना में घूमने की बहुत ही ऐतिहासिक जगह है – भरहुत स्तूप। यह एक प्राचीन बौद्ध स्थल है, यहां प्राचीन कलाकृतियों और सुंदर-सुंदर शिलालेखों को देख सकते हैं। यह सम्राट अशोक के शिलालेख हैं, इन शिलालेखों को लगभग तीसरी सदी ईसापूर्व में लिखा गया था। इस स्थल की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व विभाग के पास है। भरहुत स्तूप सतना से 30 किलोमीटर दूर एक गांव में स्थित है।

राम वन तुलसी संग्रहालय-

सतना से राम वन की दूरी 17 किलोमीटर है भगवान राम अपने वनवास के समय यहां से निकले थे इसी कारण इस स्थान को रामवन कहा जाता है यहां भगवान राम तथा भगवान कृष्ण की सुंदर-सुंदर मूर्तियां देखने को मिलती हैं। यहीं पर तुलसी संग्रहालय स्थित है जिसमें आप सतना शहर के प्राचीन कलाकृतियों तथा शिलालेखों को देख सकते हैं और यहां पर प्राचीन मूर्तियां भी देखने को मिलती हैं।

गैवीनाथ धाम, बिरसिंहपुर-

satna me ghumne ki jagah -gavinathdham
Gavinath Dham Birsinghpur Satna

सतना से 35 किलोमीटर दूर स्थित बिरसिंहपुर में भगवान महाकाल का एक प्राचीन मंदिर है, जिन्हें गैवीनाथ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, इस मंदिर का वर्णन पद्म पुराण के पातालखंड में मिलता है। यहां पर औरंगजेब ने अपनी सेना को मूर्ति तोड़ने का आदेश दिया था। जैसे ही सेना ने भगवान शंकर के शिवलिंग पर पांच प्रहार किया तो वहां इतनी सारी मधुमक्खियां आई कि सेना को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है। कहा जाता है कि यह भगवान शंकर की कृपा से ही यहां पर शिवलिंग निकले हुए हैं यह नीचे कितने गहरे में है इसका किसी को कोई अंदाजा नहीं है।

धारकुंडी आश्रम-सतना

सतना से 58 किलोमीटर दूर जंगल के बीचो-बीच स्थित धारकुंडी आश्रम में प्रकृति और अध्यात्म का अनोखा मेल देखने को मिलता है माना जाता है धारकुंडी आश्रम में ही महाभारत के समय युधिष्ठिर और दक्ष के बीच संवाद हुआ था

Dhar kundi Ashram
Dhar kundi Ashram Chitrakoot

यहां पर आज भी संत रहते हैं। ये संत अड़गड़ानंद महाराज के पांच हिस्सों में से एक है। इनके दर्शन के लिए हजारों लोग आज भी आते हैं, पर इनके दर्शन बहुत मुश्किल से हो पाते हैं। इस आश्रम में जाने पर आपको एक अलग ही आध्यात्म और शांति का अनुभव होगा। यह आश्रम बहुत ही सुंदर और पवित्र स्थल है।

पारस मनिया पर्वत और झरना-

सतना से 46 किलोमीटर दूर उचेहरा के पास पारस मनिया नामक पर्वत स्थित है, यहां की प्राकृतिक खूबसूरती शांत मनमोहन वातावरण आपकी सारी थकान दूर कर देती है। यह सैलानियों के लिए एक बेहतरीन जगह है। बरसात के समय यहां घूमने वालों के लिए बहुत अच्छा स्थान है यहां स्थानीय पर्यटक बहुत आते हैं। यहीं पर स्थित झरना इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है यहां घूमने का सबसे अच्छा मौसम बरसात के समय है।

गृध्दकूट पर्वत – सतना

यह पर्वत सतना से 65 किलोमीटर दूर स्थित है, यहां हर वर्ष बसंत पंचमी में मेला लगता है। इस पर्वत पर आपको बहुत से गिद्ध देखने को मिलेंगे साथ ही इसमें आप रॉक पेंटिंग और मुराल पेंटिंग भी देख पाएंगे। कहा जाता है कि- जटायु के भाई संपात्ति का जन्म इसी पर्वत पर हुआ था। यहां एक नदी बहती है जिसमें स्नान करने से मन को शुद्धी प्राप्त होती है। इस पर्वत का वर्णन प्राचीन ग्रंथों में किया गया है।

व्यंकटेश मंदिर-सतना

150 वर्ष प्राचीन यह मंदिर सतना का बहुत भव्य मंदिर है इस मंदिर का निर्माण लाल पत्थर से दक्षिण भारत की कुशलकारी गौरव द्वारा दक्षिण भारतीय शैली में किया गया है कहते हैं इस मंदिर को बनने में 49 वर्ष लगे हैं इस मंदिर में सभी प्रकार के हिंदू त्योहारों को बहुत-बहुत तरीके से मनाया जाता है चाहे रामनवमी हो कृष्ण जन्माष्टमी हो शिवरात्रि हो या फिर कोई और भी हिंदू त्योहार सभी त्योहार इस मंदिर में बहुत ही अच्छे से मनाए जाते हैं।

सतना के आसपास घूमने की जगह-

सतना के आसपास घूमने के लिए दर्शनीय स्थलों की कमी नहीं है सतना के आसपास बहुत से विश्व प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है जिन्हें देखने लाखों पर्यटक विदेश से भी आते हैं नीचे दिए गए सभी पर्यटन स्थल बहुत ही प्रसिद्ध और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं जिन्हें आप कभी भी घूमने जा सकते हैं-

1.खजुराहो

khajuraho tourist place
Khajuraho Temple

खजुराहो सतना से 115 किलोमीटर दूर स्थित है इसे विश्व विरासत में शामिल किया गया है यहां पर बहुत से प्राचीन मंदिर बने हुए हैं जिनमें से कुछ खंडार हो गए हैं तथा कुछ बचे हुए हैं इन मंदिरों पर की गई नक्काशी कारीगरी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है यहां फॉरेन टूरिस्ट्स बहुत आते हैं।

2. कालिंजर का किला

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Kalinjar Fort

सतना से 100 किलोमीटर दूर स्थित कालिंजर का किला बहुत ही प्राचीन और मजबूत किला है इस मंदिर में आपको बहुत ही सुंदर महल और पत्थरों पर की गई नक्काशी देखने को मिलेगी। इस किले में भगवान शंकर का मंदिर भी है । कहते हैं कि अमृत मंथन के समय विश्व पान करके भगवान शंकर यहीं पर आकर रुके थे इसलिए यहां उन्हें नीलकंठ के नाम से जाना जाता है।

3. पन्ना टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क-

पन्ना टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क सतना से 90 किलोमीटर दूर है यहां आपको सभी प्रकार के जंगली जानवर 200 से अधिक प्रजाति के पक्षी और खूबसूरत झरने देखने को मिलेंगे यहां बाघों की संख्या भी बहुत ही अच्छी है।

4.बृहस्पति कुंड वॉटरफॉल –

brahaspati kund waterfall
Brihaspati Kund

सतना से 60 किलोमीटर दूर स्थित बृहस्पति कुंड वाटरफॉल लॉकडाउन से बहुत ही चर्चा में आया यहां देखने बरसात के समय हजारों पर्यटक आते हैं इस कुंड को लेकर सरकार भी जागरूक हुई है और सरकार ने यहां पर मध्य प्रदेश का पहला कांच गिलास बनाने का निर्णय लिया है आने वाले समय में यह एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा।

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5.बाणसागर बांध

baan sagar dam near satna
Baan Sagar Dam

सतना से 104 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाणसागर बांध सोन नदी पर स्थित है, यह बहुत ही विशाल और भव्य बाँध है। यदि आप लोकल के है तो ये भी एक अच्छा पर्यटन स्थल है।

6. व्हाइट टाइगर सफारी-

satna m eghumne ki jagah white tiger safari
White tiger Safari Mukundpur,Satna

दुनिया की पहली व्हाइट टाइगर सफारी अपने सतना जिले के पास में स्थित है यहां पर आपको तरह-तरह के जंगली जानवर देखने को मिल जाएंगे इनके अलावा आपको सफेद बाघ भी देखने को मिलेगा। यहां आप परिवार फैमिली या दोस्तों के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं यह बहुत ही अच्छा पर्यटन स्थल है।

दोस्तों सतना में घूमने के लिए और भी छोटे-छोटे लोकल पर्यटन स्थल हो सकते हैं जो शायद लोकल लोग ही जानते हो लेकिन सतना के जो भी फेमस दर्शनीय स्थल है जिन्हें देखने के लिए आसपास काफी दूरी से लोग आते हैं उन सभी के नाम आपको बताए गए हैं यह सभी प्रसिद्ध और फेमस दर्शनीय स्थल है उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी और आपने ऊपर दिए गए सभी दर्शनीय स्थलों में से किसी में घूमने का मन बनाया होगा आप हमें कमेंट करके अपनी राय जरुर दें और हमसे जुड़ने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप से जुड़ सकते हैं। इसका लिंक नीचे दिया गया है धन्यवाद|

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FAQ

क्या सतना मे हवाई अड्डा है?

हाँ सतना मे हवाई अड्डा है।

सतना क्यों प्रसिद्ध है?

सतना सीमेंट उद्योग, चित्रकूट और मैहर मे शारदा माता मंदिर और संगीत घराने के लिए प्रसिद्ध है।

सतना मे कौन सी बोली बोली जाती है?

सतना में बघेली बोली बोली जाती है।

सतना में कौन सी नदी बहती है?

सतना में सतना नदी बहती है। और सतना के चित्रकूट क्षेत्र में मंदाकिनी नदी बहती है।

सतना का नाम सतना कैसे पड़ा है?

सतना सतना नदी के किनारे बसा हुआ है इसलिए इस शहर का नाम सतना पड़ा है।

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