MP Best Tourism: पचमढ़ी के पर्यटन स्थल घूमने की फुल जानकारी 2023 

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देश के ह्रदय प्रदेश मध्य प्रदेश के सतपुड़ा की रानी कहे जाने वाली पचमढ़ी के पर्यटन स्थल की यात्रा का अनुभव, पचमढ़ी के पर्यटन स्थल,पचमढ़ी कैसे विजिट करें, पचमढ़ी में सस्ते होटल, पचमढ़ी घूमने में कितने दिन लगते है , पचमढ़ी के मुख्यपर्यटन स्थल, पचमढ़ी हिल स्टेशन एंट्री फीस , पचमढ़ी में घूमने की फुल जानकारी |

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी का भी मन मोह लेने वाली पचमढ़ी की यात्रा करने  से पहले हमें निम्न लिखित बातें पता होनी चाहिए जिससे आप अपने टाइम तथा बजट को मैनेज कर सकें साथ ही कहाँ-कहाँ घूमने जाना है पहले से ही निश्चित कर सके –

पचमढ़ी के पर्यटन स्थल
पचमढ़ी के पर्यटन स्थल

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पचमढ़ी क्या है ?

भारत के ह्रदय प्रदेश कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित एक पहाड़ी दर्शनीय स्थल  है यानि की एक बहुत ही खूबसूरत सा हिल स्टेशन है इसे प्यार से सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है यहाँ मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा पॉइंट भी स्थित है| 

पचमढ़ी को  मध्यप्रदेश की ग्रीष्म कालीन राजधानी कहा जाता है, कुछ लोग इसे “मध्यप्रदेश का कश्मीर” तो कुछ लोग इसे “मध्यप्रदेश का शिमला” भी कहना पसंद करते हैं | 

पचमढ़ी क्यों प्रसिद्ध हैं ?

पचमढ़ी के प्रसिद्ध होने के निम्न लिखित कारण है –

  1. पचमढ़ी के पर्यटन स्थल में प्राकृतिक सौन्दर्यता: पचमढ़ी का प्राकृतिक सौंदर्य अनुपम है यह चारो तरफ से पहाड़ो,  घने जंगल तथा बहुत से जलप्रपात से घिरी हुई जगह है यहाँ आपको एक अलग ही शांति अनुभव होगा | 
  2. पचमढ़ी में सभी प्रकार के पर्यटन स्थल: प्रकृति की खूबसूरत वादियों से भरी पचमढ़ी में भूमि घूमने देखने तथा आनंद करने के लिए सभी प्रकार के पर्यटक स्थल मौजूद है जैसे धार्मिक जगह मंदिर प्राकृतिक जगह झरने ही तालाब नदियां पहाड़ बहुत अच्छे-अच्छे वाटरफॉल
  3. पचमढ़ी के पर्यटन में आदिवासी संस्कृति की झलक: पचमढ़ी आदिवासी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ के स्थानीय आदिवासी जनजातियाँ, उनकी सांस्कृतिक परंपराएँ और लोकनृत्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।
  4. प्राकृतिक उपायोगिता:  पचमढ़ी , प्राकृतिक रूप से हर तरह से सम्पन्न  क्षेत्र है यहाँ आपको हरे-भरे जंगल , कल-कल करतीं नदियां , ऊपर से गिरते झरने, शानदार सुबह और सनसेट  के साथ सभी प्रकार के वन्य जीव भी मिलते है इन्ही कारण बीओस्फियर रिज़र्व क्षेत्र में आता है | 
  5. पहाड़ी यात्रा: पचमढ़ी पहाड़ी यात्रा के शौकिनों के लिए आकर्षण का केंद्र है यहाँ आप ट्रैकिंग का मजा ले सकते है ।

पचमढ़ी के पर्यटन स्थल की जलवायु :

 पचमढ़ी की जलवायु पहाड़ों के क्षेत्र में स्थित होने के कारण शीतकाल, गर्मी, वर्षा और शीतकालीन महिनों के मौसम के अलग-अलग अनुभवों का संयोजन प्रस्तुत करती है 

शीतकाल (नवंबर से फरवरी): शीतकाल में पचमढ़ी की ठंडी और सुहावनी हवाओं का आनंद लिया जा सकता है। इस समय तापमान नीचे जा सकता है, और बर्फबारी भी देखी जा सकती है।

गर्मी (मार्च से मई): गर्मियों में पचमढ़ी का मौसम उष्णकटिबंधीय रहता है, लेकिन यहाँ की ऊँचाइयों के कारण मौसम सुहावना रहता है, गर्मियों में जहाँ प्रदेश का तापमान 45 से 50 सेंटीग्रेड होता है वहीँ पचमढ़ी का तपमान आज तक 35 सेंटीग्रेड से ज्यादा नहीं हुआ | 

ग्रीष्म ऋतु (जून से आगस्ट): मानसून के महीनों में, पचमढ़ी में अधिक बरसात होती है और तापमान आमतौर पर मध्यम रहता है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता मानसून के मौसम में और भी प्रखर होती है।

शरद ऋतु (सितंबर से नवंबर): यह समय पचमढ़ी की सौंदर्यता का एक अद्वितीय रूप होता है। शरद के मौसम में यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता का आनंद लिया जा सकता है, और तापमान भी मध्यम रहता है।

पचमढ़ी की जलवायु में चार मुख्य ऋतुएँ अपनी अनूठी खासियत लाती हैं, जिनसे पर्यटक विभिन्न मौसम और अपनी इच्छा के अनुसार यहाँ की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
इन सभी कारणों से पचमढ़ी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन गयी है और यहाँ के आकर्षण वर्ष-भर देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करते रहते हैं

पचमढ़ी का इतिहास और महत्त्व –

पचमढ़ी गौंड जनजाति के आदिवासी वंश की राजधानी थी। गौंड आदिवासियों के राजा भावुत सिंह थे। सन 1862  में ब्रिटिश सेना के कैप्टन जेम्स फोरसिथ ने पचमढ़ी हिल स्टेशन की खोज की इसलिए पचमढ़ी के आधुनिक विकास का श्रेय जेम्स फोरसिथ को ही जाता है क्योंकि उनके जोश और जुनून का ही नतीजा था कि आज पचमढ़ी को पूरे विश्व में इसकी एक अलग पहचान के लिए जाना जाता है | पचमढ़ी अंग्रेजी शासन के दौरान ग्रीष्म कालीन राजधानी हुआ करती थी आज भी गर्मियों में ज्यादातर प्रशसनिक मीटिंग पचमढ़ी में ही होती है |

For more information visit – WIkipedia

पचमढ़ी हिल स्टेशन कहाँ पर है ?

पचमढ़ी मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित एक खूब सूरत हिल स्टेशन है यहाँ लाखों की संख्या में हर वर्ष पर्यटक आते है |

पचमढ़ी में सबसे ज्यादा कहाँ के पर्यटक आते हैं –

पचमढ़ी में सबसे ज्यादा पर्यटक भारतीय राज्यों के अलावा मुख्य रूप से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और दिल्ली से आते हैं। यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थल, आदिवासी संस्कृति, धार्मिक स्थल और पहाड़ों में होने वाली यात्राएँ इन पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। लेकिन यहाँ के गाइड की माने तो पचमढ़ी मेंसबसे ज्यादा पर्यटक महाराष्ट्र से आते हैं |

पचमढ़ी में पर्यटक क्या क्या कर सकते हैं 

पचमढ़ी में पर्यटकों के लिए कई प्रकार की सुविधा तथा आनंद लेने के लिए प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है जो की निम्नलिखित हैं-

बर्फ़बारी का मजा – पचमढ़ी में बर्फ़बारी का आनंद लेना  चाहते है तो आप ठंडियों के मौसम में जरूर आएं यहाँ आपको मिनी कश्मीर के फीलिंग आएगी | 

वॉटरफॉल का आनंद – यदि आप वॉटरफॉल के रोमांच का अनुभव करना चाहते है तो आप पचमढ़ी में जरूर आइये यहाँ आपको काफी संख्या में  प्राकृतिक वाटरफॉल मिलेंगे जिनकी अपनी अलग ही पहचान है | 

ट्रैकिंग – यदि आपको ट्रैकिंग करने में मजा आता है तो आप इस पचमढ़ी के खूबसूरत से दिखने वाली पाहड की चोटियों  में ट्रैकिंग भी कर सकते हैं | 

बोटिंग का आनंद :- पचमढ़ी में बोट राइडिंग का आनंद नदी तथा झील में ले सकते है यहाँ  चारो तरफ हरियाली के बीच बहती हुई नदी तथा झील भी उपलब्ध है 

जंगली जानवरों का रोमांच – पचमढ़ी में प्रकृति की अनूठी कृपा है यहाँ हरियाली , पहाड़ों, नदियों, झरनो के साथ -साथ जंगली जानवरों को भी स्वच्छंद रूप से विचरते देख सकते  है यहाँ भालू,बाघ, तेंदुआ , सांभर नीलगाय ,चिंकारा जैसे जानवरों को आप आसानी से देख सकते हैं | 

गुफाओ का आनंद –  जंगल में बनी  मानव निर्मित गुफाओं का अलग ही आनंद होता है यहाँ पर आपको पांडवो के द्वारा निर्मित पांडव गुफाएं हैं जिनका अपना धार्मिंक तथा ऐतिहासिक महत्त्व है |

सनसेट तथा सनराजिंग -पचमढ़ी में उगते हुए सूर्य  तथा डूबते हुए सूर्य को देखने के लिए भी व्यू पॉइंट है जहां से आप सूर्य को अंतरिक्ष में तैरते हुए देख सकते हैं | 

धार्मिक स्थल – पचमढ़ी को धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है यहाँ शंकर जी का  काफी प्रसिद्ध मंदिर हैं जहाँ साल में एक बार मेला  भी लगता है | 

पचमढ़ी के प्रमुख दर्शनीय स्थल – 

पचमढ़ी में घूमने के लिएसभी प्रकार केदर्शनीय पर्यटक स्थल हैइसे हम दो प्रकार से विभाजित कर सकते हैं एक धार्मिक पर्यटन स्थल और दूसरा प्राकृतिक पर्यटक स्थलपचमढ़ी में हिंदूधर्म केबस से मंदिर हैंजहां हिंदुओं के लिए एक अच्छा धार्मिक स्थल हैऔर पचमढ़ीसतपुड़ा के बीचो-बीच स्थित है इसलिए यहां परप्राकृतिकपर्यटन स्थल भी बहुतअच्छे हैं| यह है पचमढ़ी के प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल के नाम

पचमढ़ी के प्रमुख धार्मिक स्थल –

पचमढ़ी में काफी सारे धार्मिक स्थल हैं जिनमें से चार प्रमुख मंदिरों के नाम बताए गए हैं आप जल्दी पचमढ़ी आए तो इन मंदिर को जरूर घूमने जाइये |

जटाशंकर महादेव मंदिर:

जटाशंकर महादेव मंदिर पचमढ़ी के पर्यटन स्थल में आध्यात्मिक महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और विशाल शिवलिंग यहाँ पर स्थापित है। इसके अलावा, यहाँ के प्राचीन स्थल और शिवलिंग के चारों ओर की गुफाएं भी दर्शकों को आकर्षित करती हैं। यहाँ का शांतिपूर्ण और ध्यानयोग के लिए उपयुक्त वातावरण मनोयोगी तंत्र है।

चौरागढ़ मंदिर:

चौरागढ़ मंदिर पचमढ़ी के धार्मिक आदिवासी संस्कृति की एक अद्वितीय प्रतिष्ठा है। यह स्थल आदिवासी देवता चौरागढ़ को समर्पित है और स्थानीय लोग यहाँ आकर्षित होते हैं। मंदिर की सजावट और धार्मिक अनुष्ठान उसकी महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं।

बड़े महादेव मंदिर:

बड़े महादेव मंदिर पचमढ़ी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यहाँ की विशाल महादेव मूर्ति दर्शकों के शांतिपूर्ण ध्यान में ले जाती है और यहाँ की पवित्रता आत्मा को शुद्धि और सुखदाई अनुभव देती है।

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गुप्त महादेव मंदिर:

गुप्त महादेव मंदिर पचमढ़ी के धार्मिक संस्कृति के साथ-साथ प्राचीन भारतीय कला की महत्वपूर्ण धारों में से एक है। यहाँ की गुप्तकालीन हैंसमुखी महादेव की मूर्ति और उसके आस-पास के चित्र यहाँ की महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं।

क्राइस्ट चर्च:

क्राइस्ट चर्च पचमढ़ी की आधिकारिक चर्च है और यहाँ के धार्मिक आयोजनों और आराधना की अवसर प्रदान करती है। इसकी सुंदर वास्तुकला और शांतिपूर्ण वातावरण धार्मिक अनुष्ठान के लिए आदर्श होते हैं। इसे देख कर आप प्राचीन कला को समझ पाते हैं |

पचमढ़ी में प्रमुख प्राकृतिक  दर्शनीय स्थल –

पचमढ़ी में प्राकृतिक दर्शनीय पर्यटन स्थल की बात की जाए तो प्रकृति ने पचमढ़ी को प्राकृतिक सुंदरता और झरनों का वरदान दिया हुआ है| यहां पर आपको बहुत अच्छे-अच्छे पहाड़, झरनेऔर भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा|

रीचगढ़:

पचमढ़ी के पर्यटन स्थल रीचगढ़, प्राकृतिक दर्शनीय स्थलों में से एक है जो अपने प्राचीन गुफाओं की बड़े रूपों में प्राकृतिक चित्रों से सजीव है। इन गुफाओं में प्राचीन मानव समाज की जीवनशैली और कल्याणकों की छवियाँ चित्रित हैं। यह स्थल ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भंडार है।

अप्सरा विहार:

अप्सरा विहार एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल है जो पचमढ़ी के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह पांडव गुफा से आगे चलने पर मिलता है इसमें आप नहाने , तैरने का आनंद ले सकते है इसमें एक झरना भी आकरगिरता है

बी फाल्स:

बी फाल्स पचमढ़ी के प्राकृतिक दर्शनीय स्थलों में से एक है जो उच्चतम बुनाई वाली झीलों से गिरने वाली धाराओं से जुड़ा है। यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती और ध्वनि आवाज़ का सम्मिलन दर्शकों को आकर्षित करता है। इस झरने की खास बात है की जब इसका ऊपर से गिरता हुआ पानी शरीर पर पड़ता है तो ऐसा लगता है जैसे मधुमक्खी ने काटा हो इसीलिए इसको बी फाल्स कहते है

सिल्वर जलप्रपात:

सिल्वर जलप्रपात
सिल्वर जलप्रपात

पचमढ़ी में स्थित सिल्वर जलप्रपात पचमढ़ी के पर्यटन तथा प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र है जो उच्चतम पर्वतीय जलप्रपातों में से एक है। इसकी जल-स्रोत और धाराएँ शांति और प्राकृतिक शोभा का प्रतीक होती हैं और यहाँ के पर्यावरण को और भी आकर्षक बनाते हैं। यह 350 मीटर उचाई से गिरता हुआ झरना है जिसका रंग बिलकुल दूधिया या चांदी की तरह दिखाई देता है इसीलिए इसे सिल्वर जलप्रपात कहते है|

डेरोथी डीप रॉक शेल्टर:

डेरोथी डीप रॉक शेल्टर पचमढ़ी के प्राकृतिक दर्शनीय स्थलों में से एक है जो अपनी विशाल चट्टानों में बने एक आश्रय के रूप में दर्शकों को ध्यान और शांति की अवस्था में ले जाता है। यहाँ की रॉक फॉर्मेशन और वातावरणिक रूपरेखा यहाँ की प्राकृतिक अद्वितीयता का प्रतीक है।

धूपगढ़:

धूपगढ़ पचमढ़ी के पर्यटन स्थलों में से एक है यह पचमढ़ी के प्रमुख प्राकृतिक आकर्षणों में से एक है जो वन्यजीवों के नजदीक स्थित है। इस पहाड़ी पर स्थित गढ़ में जीवन्तता की अनूठी विविधता है, और यहाँ के वन्यजीवों की आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ हैं। यह मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर भी है|

हैंडीखोह:

हैंडीखोह एक प्राकृतिक आश्रय है जो पचमढ़ी के प्रमुख प्राकृतिक सौंदर्य में से एक है। यह शिला के नीचे बने गुफाओं के रूप में है और इसकी अनूठी तटस्थिति और वातावरणिक खूबसूरती का आत्मा को शांति प्रदान करता है।

रानी झरना:

रानी झरना पचमढ़ी के प्रमुख प्राकृतिक आकर्षणों में से एक है जो शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है। यह जलप्रपात अपनी उच्चता और गिरने वाली धाराओं के साथ दर्शकों को आकर्षित करता है और यहाँ के वातावरण में आत्मा को शांति की अनुभूति होती है।

डचेस झरना:

डचेस झरना एक और प्राकृतिक खूबसूरती है जो पचमढ़ी के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इसकी विशेषता उसके ऊँचे जलप्रपात और वन्यजीव संरक्षण केंद्र के साथ जुड़ी हुई है, जो यहाँ के पर्यावरण को अधिक रोमांचक बनाते हैं।

पचमढ़ी झील:

पचमढ़ी झील पचमढ़ी के प्रमुख प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों में से एक है जो शांतिपूर्ण वातावरण में खुद को डुबाने के लिए एक आदर्श स्थल है। यहाँ के पानी का स्पर्श और तटस्थ वन्यजीवों की दृष्टि से यहाँ की खासियत है।

पांडव गुफाएं:

पचमढ़ी के पर्यटन स्थल पांडव गुफा
पचमढ़ी के पर्यटन स्थल पांडव गुफा

पांडव गुफाएँ पचमढ़ी के पर्यटन स्थलों में से एक है जो महाभारत के पांडवों के निवास के संबंध में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यहाँ पर स्थित गुफाएं  महाभारत के युद्ध और प्राचीन धार्मिक कथाओं की स्मृतियों को जिन्दा रखती हैं, और यात्रीगण को उनके धार्मिक और सांस्कृतिक अद्भुत इतिहास का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती हैं।

महादेव हिल्स, पचमढ़ी: आध्यात्मिकता की ऊँचाइयों पर

महादेव हिल्स पचमढ़ी के पर्यटन स्थलों में से एक है जो आध्यात्मिक महत्त्व  के लिए एक प्रमुख स्थल है। यहाँ पर स्थित महादेव मंदिर विश्वास के साथ यात्रीगण को आकर्षित करता है और उन्हें शांति और आत्मा के साथ जुड़ने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।
 महादेव हिल्स की ऊँचाइयों पर चढ़ने के बाद, यात्रीगण को न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलता है, बल्कि वे यहाँ के आध्यात्मिक माहौल में अपने आप को खो जाते हैं। महादेव मंदिर के निकट स्थित स्थल पर, आराधना और मेधावी विचारधारा के लिए अद्वितीय स्थल बनाते हैं, जहाँ यात्री आत्मा की शांति की खोज में जुटते हैं।

प्रियदर्शनीय सनसेट पॉइंट:

प्रियदर्शनीय सनसेट पॉइंट पचमढ़ी के आकर्षणों में से एक है जो दिन अंत यानि की सूर्यास्त के समय आकर्षण से भरपूर होता है। यहाँ से देखा जाने वाला सूर्यास्त अद्वितीय और दिलकश होता है, जिससे दर्शकों को आनंद का एक अनूठा अनुभव होता है। साथ ही आप इस पॉइंट से बहुत सी छोटी और मंदिर को एक साथ देख पाते है |

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान: प्राकृतिक सौंदर्य का आदर्श

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान पचमढ़ी का पर्यटन स्थल में  प्रमुख है इसकी  एक प्राकृतिक सुंदरता की अद्वितीय जगह है जो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के जिलों में फैला है। इस उद्यान में स्थित वन्यजीव जीवों की अद्वितीयता और प्राकृतिक सौंदर्य आकर्षण की जगह बनाते हैं। यहाँ के विविध प्राकृतिक आवासों और वन्यजीवों के लिए एक निर्वाचनीय आकर्षण है।

महत्वपूर्णता: सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का महत्व वन्यजीव संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की देखभाल के लिए है। यहाँ की वन्यजीवों में बाघ, चीतल, सांभर, बारासिंगा, जंबुक, गौर, बाज, गिद्ध, गोंडा, गरुड़, आदि शामिल हैं। इसके अलावा, यहाँ के बरगद, सागौन, सिस्यू, मोहा आदि वन्यजीवों के लिए आवास के रूप में उपयुक्त हैं।

यहाँ की वन्यजीवों की विविधता और प्राकृतिक पारिस्थितिकी यहाँ के आकर्षण को बढ़ाते हैं।

राजेंद्र गिरी:

राजेंद्र गिरी पचमढ़ी के एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो वन्यजीव संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। यहाँ की वन्यजीव संरक्षण केंद्रत्य और प्राकृतिक शौर्य से युक्त यह एक अद्वितीय स्थल है। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी गोरिया चोटी काफी पसंद आई हो वे यहां पर कई बार घूमने आई यहां का प्राकृतिक वातावरण उनको बहुत अच्छा लगा इसलिए इसका नाम राजेंद्र गिरी रखा गया

पचमढ़ी घूमने कब जाना चाहिए –

पचमढ़ी घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्सर अक्तूबर से मार्च के बीच होता है। इस मुख्य यात्रा काल में मौसम शानदार और सुहावना होता है और पचमढ़ी की प्राकृतिक सौंदर्यता का आनंद लेने के लिए बेहतर मौका मिलता है।

हालांकि, सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि शीतकालीन महीनों में ठंडी हवाएँ होती हैं और तापमान नीचे चल सकता है। अगर आप बर्फबारी देखने का इरादा रखते हैं, तो दिसंबर से फरवरी के बीच यात्रा करना भी एक विकल्प हो सकता है।

साथ ही, मानसून के समय (जून से सितंबर) पर्यटकों के लिए अधिक बीतने वाला होता है, क्योंकि वर्षा के कारण यहाँ पर सुरुचिपूर्ण हो सकता है और कुछ स्थलों के प्रवेश पर प्रतिबंध हो सकता है।

आपकी यात्रा की योजना और पसंद के आधार पर आप ऊपर दिए गए समय अवधि के अनुसार अपना समय चुन सकते हैं।

पचमढ़ी में हिल स्टेशन की एंट्री फीस –

पचमढ़ी में हिल स्टेशन की एंट्री फीस विभिन्न दरों पर अलग-अलग स्थलों के लिए लागू होती है। । कुछ स्थलों पर बच्चों और सीनियर सिटिजन्स के लिए छूटी भी दी जा सकती है। आपकी एंट्री फीस निम्न प्रकार से हो सकती है जोकि सीजन के हिसाब से काम ज्यादा होती र रहती है 

सतपुड़ा  नेशनल पार्क की एंट्री फीस –  

सतपुड़ा नेशनल पार्क में एंट्री फीस भारतीयों के लिए 250 रूपए तथा विदेशीयों के लिए 500 रूपए होती है | 

सतपुड़ा नेशनल पार्क में जिप्सी तथा गाइड की एंट्री फीस –

सतपुड़ा नेशनल पार्क में जिप्सी एंट्री तथा गाइड की फीस 900 रूपए तथा जिप्सी की फीस 2100 होती है जबकि यही फीस सीजन में बढ़कर 3000 तक हो जाती है | 

पचमढ़ी में होटल की प्राइस –

पचमढ़ी में आपको सभी प्रकार के होटल मिल जाते है  जिनकी शुरुवात 1000 से होती है होटल की ज्यादा जानकारी के लिए आप किसी भी ऑनलाइन होटल बुकिंग साइट से रियल टाइम प्राइसिंग पता कर सकते हैं | 

पचमढ़ी जाते वक्त निम्न बातों का ख्याल जरूर रखे –

जब आप हिल स्टेशन में जाये तो अपने साथ पानी की बीतल जरूर ले जाये क्योंकि आपको पैदल भीचलना पड़ता है चूँकि यह पहाड़ी इलाका है तो जाते वक्त चढाई होती है | 

जब आप सतपुड़ा नेशनल पार्क में घूमने जाएँ तो जानवरों को देखते वक्त हल्ला बिलकुल भी न करे शांति से बात करें और अपने साथ गाइड जरूर रखें 

पचमढ़ी में सीजन में हर चीज के रेट अधिक होते है ज्यादातर गर्मियों में | 

अंत में , मैं शुभम सोनी कामना करता हूँ कि आपकी  पचमढ़ी विजिट की यात्रा मंगलमय हो हमारी यानी विजिट हिन्दी  की पूरी कोशिश है की आपको हर जगह की पूरी जानकारी प्रदान  की जाये इसलिए आप हमें कमेंट करके अपनी राय जरुर दे की आपको हमारे द्वारा प्रदान की गयी पचमढ़ी घूमने की सम्पूर्ण जानकारी कैसे लगी  | 

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