20+ ग्वालियर में घूमने की जगह, शाही अनुभव मन मोह लेगा (Beautiful Place to visit in Gwalior)

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ग्वालियर में घूमने की जगह: राजा सूरज सिंह द्वारा बसाए गए खूबसूरत शहर ग्वालियर में बहुत खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं यहां पर बहुत ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल है जिनकी सुंदरता व भव्यता लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।ग्वालियर के खूबसूरत स्मारक, महल जिनके आकर्षण से लाखों लोग विदेश से भी हर वर्ष ग्वालियर घूमने आते हैं।

इस पोस्ट में हमने ग्वालियर में घूमने की जगह के नाम, विवरण तथा घूमने का सही समय और ग्वालियर से संबंधित अन्य सभी प्रकार की जानकारी प्रदान की है।

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ग्वालियर में घूमने की जगह-

यदि आप ग्वालियर में घूमने का विचार कर रहे हैं तो ग्वालियर एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल है यहां पर आपको सभी प्रकार के पर्यटक स्थल मिल जाएंगे चाहे आप ऐतिहासिक जगह घूमने चाहे या धार्मिक जगह है या फिर प्राकृतिक। ग्वालियर में घूमने की सभी प्राकृतिक ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थलों के नाम निम्नलिखित हैं-

ग्वालियर का किला,ग्वालियर म. प्र. (Gwalior Fort, MP)-

ग्वालियर में घूमने की जगह- gwalior fort
gwalior me ghumne ki jagah

ग्वालियर में घूमने की जगह: ग्वालियर का किला 1500 वर्ष से भी अधिक पुराना है इसे पूर्व का जिब्राल्टर कहा जाता है क्योंकि इसे कई सीधी लड़ाईया में जीत नहीं जा सका है यह एक बहुत ही प्राचीन स्मारक है इस किले का निर्माण गोपाचल नामक पर्वत पर किया गया है इसके लिए को घूमने के लिए आपको एक पर्वत चढ़ना पड़ता है, जिसके लिए दो प्रमुख द्वार हैं, एक द्वार ग्वालियर गेट कहलाता है| यहां से आप पैदल जा सकते हैं गाडियां नहीं जा सकतीं हैं, ग्वालियर के किले में आपको पहली शताब्दी की वह बहुत प्राचीन मूर्तियां देखने को मिलेगी और यहां की सुंदर शिल्प कला देखकर आपका मन मोह जाएगा यह ग्वालियर प्रमुख पर्यटन स्थल है।

जय विलास पैलेस,ग्वालियर म. प्र. (Jay Vilas Palace Gwalior MP) –

gwalior me ghumne ki jagah - jay vilas palace
jay vilas palace

ग्वालियर में घूमने की जगह: जय विलास पैलेस ग्वालियर के राज्य परिवार का निवास स्थल है और साथी यहां एक भव्य संग्रहालय भी है इस महल में आपको फ्रांस चीन इटली अंतर तथा अन्य देशों की दुर्लभ कलाकृतियां देखने को मिलेगी यह एक बहुत ही पहले से इसका एक बहुत प्रसिद्ध हाल है जिसे दरबार हॉल के नाम से जाना जाता है यहां पर बहुत बड़े-बड़े और बहुत बजनी बजनी झूमर लगे हुए हैं जिनका वजन लगभग 3.5 तन है इस पैलेस में आपको एक डाइनिंग टेबल पर चांदी की रेल भी देखने को मिलेगी जो की विशेष अवसरों पर रोशनी के काम आती है इस पैलेस में और भी बहुत सुंदर-सुंदर जगह है।

गोपाचल पर्वत,ग्वालियर म. प्र. (Gopachal Parvat Gwalior MP) –

ग्वालियर में स्थित गोपाचल पर्वत एक बहुत ही प्रसिद्ध जगह है ग्वालियर का प्रसिद्ध किला भी इसी पहाड़ी पर बना हुआ है इस पहाड़ी पर किले के अतिरिक्त आपको हजारों जैन मूर्तियां देखने को मिलेगी जिन्हें अलग-अलग राजाओं द्वारा अलग-अलग समय काल में बनवाया गया है यह घूमने के लिए एक बहुत ही अच्छी और सुंदर जगह है।

तेली मंदिर, ग्वालियर (Teli Temple Gwalior) –

teli mandir ,Gwalior MP
Teli Temple Gwalior MP

ग्वालियर में घूमने की जगह: ग्वालियर के ऐतिहासिक किले ग्वालियर दुर्ग में बने तेली मंदिर का निर्माण सातवीं से नवमी शताब्दी में किया गया था यह मंदिर तेल बेचने वाले व्यापारियों के द्वारा दिए गए धन से बनाया गया था इसीलिए इस मंदिर को तेली मंदिर कहा जाता है यह मंदिर दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है|

ग्वालियर के किले में बने सभी स्मारकों में यह सबसे ऊंचा स्मारक है इसकी ऊंचाई लगभग 30 मीटर है। आक्रमण कार्यों द्वारा इस मंदिर को नष्ट किया गया था लेकिन इसका जीणोद्धार अंग्रेजों के समय हुआ था अंग्रेज इसे एक कॉफी शॉप के रूप में उसे किया करते थे।

सास बहू मंदिर,ग्वालियर म. प्र.(Sas-Bahu Temple Gwalior MP) –

ग्वालियर में घूमने की जगह: ग्वालियर के किले में स्थित सास बहू मंदिर एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है कहा जाता है किसका निर्माण 1093 ईस्वी में राजा महिपाल द्वारा किया गया था | स्थानीय मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि यह मंदिर सास और बहू को समर्पित है|

ग्वालियर में घूमने की जगह – सास बहू मंदिर|

सास बहू मंदिर,ग्वालियर: कुछ लोगों का कहना है कि इस मंदिर को सहस्त्रबाहु मंदिर भी कहा जाता है| यानी कि हजार भुजाओं वाला जो कि भगवान विष्णु के पद्मनाभ रूप को समर्पित है। अन्य मंदिरों की तरह इस मंदिर का भी ज्यादातर हिस्सा आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किया गया है लेकिन इस मंदिर के खंडहरों में मिले अवशेषों पर जो शिल्प कला की गई है उसे देखकर आप इसकी भव्यता का अंदाजा लगा सकते हैं यह एक बहुत ही शानदार जगह है।

मोती महल, ग्वालियर म. प्र.(Moti Mahal Gwalior MP) –

motimahal gwalior
Moti Mahal Gwalior MP

ग्वालियर में घूमने की जगह: ग्वालियर में स्थित मोती महल एक बहुत ही सुंदर महल है, इसका निर्माण पेशवा पैलेस की तरह ही किया गया था इसमें 900 कमरे हैं। इस महल का निर्माण जय विलास पैलेस के साथ ही किया गया था कहा जाता है, रियासत कल इंदौर में कि जहां जय विलास पैलेस राजाओं के रहने के लिए था तो वहीं मोती महल सिंधिया घराने का राज्य सचिवालय था। यहां पर राज्य का कार्य किया जाता था आजादी के बाद इसे मध्य प्रदेश की विधानसभा भी बनाया गया और यहीं पर मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री ने शपथ भी ली।

गुजरी महल,ग्वालियर म. प्र.(Gujri Mahal-Gwalior,MP) –

gujri mahal Gwalior MP
Gujri Mahal Gwalior MP

ग्वालियर में घूमने की जगह: ग्वालियर दुर्ग में स्थित गुजरी महल इसका निर्माण राजा मानसिंह तोमर द्वारा अपनी पत्नी मृगनयनी के लिए कराया गया था यह महल 71 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा है इसमें एक विशाल आंगन है 1920 में इसमें पुरातात्विक संग्रहालय की स्थापना की गई यहां पर ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से लेकर 17वीं शताब्दी तक की कलाकृतियां और पुरातात्विक धरोहर संग्रहित किए गए हैं यह महल ग्वालियर दुर्ग के भूतल भाग में स्थित है।

सूर्य मंदिर, ग्वालियर म. प्र. (Sun Temple Gwalior,MP) –

Surya Mndir Gwalior MP
Sun Temple Gwalior MP

ग्वालियर में घूमने की जगह: ग्वालियर के मुरार में स्थित स्टेशन से मात्र 5 किलोमीटर दूर सूर्य मंदिर उड़ीसा के करुणाक मंदिर से प्रभावित है इस मंदिर को बसंत कुमार बिरला की प्रेरणा से घनश्याम दास बिड़ला ने 1984 में बनवाना प्रारंभ किया जिसमें 1992 में प्रतिष्ठा की गई यह मंदिर क्षेत्र 1 इंच ऊंचा मंदिर है इसका क्षेत्रफल लगभग 205 00 वर्ग फिट है 19वीं शताब्दी का आधुनिक और एकमात्र सूर्य मंदिर है इसे भारत के अन्य बिरला मंदिरों की तरह ही इसे भी बिड़ला और मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यह मंदिर ग्वालियर जिले में एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।

चिड़ियाघर ग्वालियर म. प्र. (Gwalior Zoo)

ग्वालियर में घूमने की जगह: ग्वालियर रेलवे स्टेशन से चिड़ियाघर की दूरी करीब 10 किलोमीटर है यह ग्वालियर में स्थित बहुत ही सुंदर हरियाली से युक्त चिड़ियाघर है यहां पर आपको सभी प्रकार के जंगली जानवर और कई प्रकार की पक्षियों एवं सरीसृप जीव को देखने को मिलते हैं|

ग्वालियर में घूमने की जगह - चिड़ियाघर
ग्वालियर में घूमने की जगह – चिड़ियाघर

चिड़ियाघर ग्वालियर: यहां पर बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क भी है एक टॉय ट्रेन भी है जिसमें बैठकर आप पूरा चिड़ियाघर भ्रमण कर सकते हैं इसका प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए ₹50, बच्चों के लिए ₹20 तथा विदेशी नागरिकों के लिए ₹200 है चिड़ियाघर खुलने का समय गर्मियों में सुबह 7:00 से शाम 6:00 तक है तथा ठंडियों में सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 तक है यदि आप ग्वालियर घूमने जाए तो इस चिड़ियाघर को घूमने जरूर जाएं।

सरोद घर, ग्वालियर म. प्र. (Sarod Ghar Gwalior MP)

ग्वालियर में घूमने की जगह: भारत की संगीत कला के प्रमुख उस्तादों की याद में उनके वाद्य यंत्रों को संग्रहित किए हुए सरोद घर एक अच्छा संग्रहालय है। यह भारत की संगीत विरासत को समेटे हुए हैं, यहां आप भारत के उन्नत शास्त्री संगीत के महान उस्तादों की यादों को देख पाएंगे| यदि आप संगीत प्रेमी है, तो इस जगह घूमने जरूर जाएं।

सरोद घर: सरोद घर में भारतीय शास्त्रीय संगीत के बारे में बहुत कुछ सीखा जा सकता है सरोद घर में भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़ी कई दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह है | इन वस्तुओं को देखकर आप भारतीय शास्त्रीय संगीत के इतिहास और विकास के बारे में समझ सकते है| यह संगीत प्रेमियों के लिए एक पावन तीर्थ स्थल की तरह है।

गौस मोहम्मद का मकबरा ग्वालियर(Gaus Mohammad Tomb Gwalior MP)

Gaus Mohammad Ka Makbara Gwalior Mp
Gaus Mohhamad ka makbara Gwalior MP

ग्वालियर में स्थित गौस मोहम्मद का मकबरा एक ऐतिहासिक जगह है यह मकबरा 16वीं शताब्दी में मुगल सम्राट अकबर ने अपने गुरु गौस मोहम्मद की याद में बनवाया था यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित एक आठ कुड़ी मकबरा है मकबरे का गुंबद लगभग 40 फीट ऊंचा है मकबरे के चारों एक बहुत ही सुंदर बगीचा है यह मकबरा सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक खुला रहता है इसका प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए ₹10 तथा विदेशियों के लिए ₹50 है इसकी स्टेशन से दूरी लगभग 2 किलोमीटर है।

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तानसेन का मकबरा (Tansen Tomb Gwalior MP)-

ग्वालियर में गौस मोहम्मद के मकबरा के पास में ही संगीत सम्राट तानसेन का मकबरा भी है गौस मोहम्मद से ही तानसेन ने संगीत की शिक्षा ली और संगीत की दुनिया में एक नई विधा को जन्म दिया यहां पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय बहुत खुशी से आते हैं और उनके लिए एक किया धार्मिक स्थल की तरह है|

ग्वालियर में घूमने की जगह: तानसेन का हिंदू और मुस्लिम दोनों रीति रिवाज से अंतिम संस्कार यहीं पर किया गया था और यहीं पर गौस मोहम्मद के मकबरे के पास ही उनका भी एक छोटा सा मकबरा बना है जिसे देखने लाखों पर्यटक आते हैं तथा हर वर्ष यहां पर नवंबर में विश्व विख्यात तानसेन संगीत महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

सिंधिया संग्रहालय ग्वालियर(Scindia Museum Gwalior MP)

ग्वालियर में घूमने की जगह: 1874 में जय जी राहुल सिंधिया द्वारा ग्वालियर के जीवाजी गंज इलाके में इसकी स्थापना की गई यहां पर आपको 11000 से अधिक दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह है देखने को मिल मिलेगा जो आपको ग्वालियर तथा आसपास के इतिहास से परिचय करता है तथा यह सिंधिया राजवंश के इतिहास और संस्कृति को भी दर्शाता है| ग्वालियर में घूमने के लिए सिंधिया संग्रहालय ग्वालियर एक बहुत ही ऐतिहासिक जगह है।

ग्वालियर में घूमने की जगह: मध्य प्रदेश का प्राचीन और ऐतिहासिक शहर ग्वालियर में घूमने की जगह और नाम हमने इस पोस्ट में आपको उनके विवरण सहित बताए हैं यदि आप ग्वालियर घूमने जाना चाहते हैं तो ग्वालियर में आप किसी भी मौसम में घूमने जा सकते हैं ग्वालियर का मौसम हमेशा अनुकूल होता है, ना तो ज्यादा ठंड पड़ती है, ना राजस्थान जैसी गर्मी ग्वालियर में जाने के लिए आप बस ट्रेन या हवाई जहाज किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ग्वालियर में यातायात के लिए सभी प्रकार के साधन मौजूद हैं।

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FAQ

ग्वालियर में सबसे अधिक क्या फेमस है?

ग्वालियर में सबसे अधिक सिंधिया संग्रहालय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है यहां पर आप देश-विदेश की कलाकृतियों को देख पाएंगे तथा सिंधिया राजघराने की संस्कृति को भी समझ पाएंगे यह शहर का एक बहुत पुराना संग्रहालय है।

ग्वालियर में घूमने की कौन सी जगह है?

ग्वालियर में घूमने के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक सभी प्रकार के पर्यटन स्थल है यहां पर ग्वालियर का किला जय विलास पैलेस मोती महल सूर्य मंदिर चिड़ियाघर सिंधिया संग्रहालय बहुत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।

ग्वालियर का प्रसिद्ध फूड क्या है?

ग्वालियर में बेसन के लड्डू, समोसा, कचौड़ी, गजक तथा गुजिया फेमस फूड है।

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