CRIME: दुर्लभ कश्यप जीवनी।16 की उम्र में बना गैंगस्टर?

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दुर्लभ कश्यप: सोशल मीडिया पर काली शर्ट पहने, माथे पर अजीब सा लगा लाल टीका, आंखों में लगा सुरमा, छोटे-छोटे बाल कंधे में डाला हुआ गमछा और खूंखार सा दिखने वाला एक लड़का जिसे दुर्लभ कश्यप कहते हैं। इस गैंगस्टर की तरह बनना चाहते हैं देश के बहुत से युवा जानिए कौन था दुर्लभ कश्यप?, कैसे बना गैंगस्टर?, और दुर्लभ कश्यप कैसे गैंगवार में मारा गया?

दुर्लभ कश्यप
दुर्लभ कश्यप

दुर्लभ कश्यप जीवन परिचय-

नाम दुर्लभ कश्यप
जन्मदिन8 नवंबर 2001
जन्म स्थानमध्य मध्य प्रदेश का उज्जैन जिला
पिता का नाममनोज कश्यप
माता का नामअज्ञात
निवास स्थानउज्जैन
धर्महिंदू
जातिब्राह्मण
लंबाई5 फीट इंच
चर्चित गैंगस्टर
निकनाम कोहिनूर
पेशा अपराध
First FIR Feb. 2017
Firts murder Jan 2018
मृत्यु 7 सितंबर 2020
मृत्यु का कारण हत्या
मृत्यु का स्थान उज्जैन
हत्या का कारण गैंगस्टर, पुरानी रंजिश
मृत्यु के समय उम्र 20 साल
दुर्लभ कश्यप के जीवन का समान्य परिचय

दुर्लभ कश्यप का बचपन –

दुर्लभ कश्यप का जन्म उज्जैन के जीवाजी गंज के अब्दुल्लापुर में 8 नवंबर 2000 को हुआ था। पिता सरकारी नौकरी में और मां टीचर थी दोनों ने बड़े प्यार से अपने इकलौते बेटे का नाम दुर्लभ रखा, लेकिन दुर्लभ कश्यप की माता और पिता के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। माता शुरू से ही अलग रहने लगी और दुर्लभ कश्यप अपनी मां के साथ रहने लगा और उज्जैन के नाम चीन स्कूल में पढ़ाई भी करने लगा। लेकिन दुर्लभ का दशमी आते-आते मन भटकने लगा और वह अपने लिए कुछ नई राह बनाने की सोच रहा था और इसी बीच में वह दसवीं के परीक्षा में फेल भी हो जाता है।

दुर्लभ कश्यप की नयी राह –

साल 2000 में जन्मे दुर्लभ कश्यप 2016 तक 16 वर्ष का हो चुका था और वह दसवीं के पेपर में भी फेल हो चुका था इसी वर्ष उज्जैन में सिंहस्थ का मेला भी आयोजन हो रहा था उज्जैन के फ्रीगंज से 26 जनवरी को हर वर्ष एक दो पहिया वाहन की रैली निकलती थी इस रैली में दुर्लभ कश्यप भी था और इस रैली में दुर्लभ कश्यप की प्रमुख जवाबदारी खाना और डीजे की थी इसी रैली में बहुत से पोस्टर भी लगे हुए थे इन पोस्टर में बहुत बदमाश और छिट पिट गैंगस्टर के भी फोटो लगे हुए थे लेकिन इन सभी के बीच दुर्लभ अपने आप को बिल्कुल अलग बनाना चाहता था | इसी सनक के चलते हुए सभी छोटे-बड़े गैंगस्टर बदमाशों से तालमेल मिलाने लगा तभी उसकी मुलाकात होती है हेमंत उर्फ ओखला से जहां से उसकी नई राह तय होती है।

दुर्लभ कश्यप
दुर्लभ कश्यप हेमंत ओखला के साथ

दुर्लभ कश्यप की अपराध मे एंट्री –

दुर्लभ कश्यप में सबसे अलग दिखने की सनक ने बदमाश और अपराधी हेमंत ओखला से मिला दिया। दुर्लभ कश्यप हेमंत ओखला से मिलकर अब शहर में गैंग बनाकर कई छोटे बड़ी अपराध करने लगा और उसने अपने लिए अपराध की एक नई राह चुन ली उसका सपना था कि वह एक बहुत बड़ा डॉन बने इसलिए उसने अपनी गैंग बनानी भी तैयार कर दी थी |उसके दोस्त सभी उसकी गैंग में रहते थे। फरवरी 2017 में उसने एक लड़के पर चाकू से हमला किया इसके बाद उसे पर पहली बार आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया।

उज्जैन में दानी गेट इलाके में कर पार्किंग के ठेके के लिए बोली लगती थी जिसके लिए दो प्रमुख परिवार दबदबा बना बनाए रखते थे इनमें से था एक डागर और दूसरा टाक परिवार इनकी आपस में भी बिल्कुल नहीं पड़ती थी यह एक दूसरे को बिल्कुल दुश्मन की तरह मानते थे और दोनों परिवार अपने लिए कुछ खास गैंग भी पाले हुए थे। इन्हीं में से एक था राकेश किलोसिया राकेश किलोसिया डागर परिवार का करीबी था। ओखला ने दुर्लभ कश्यप की पहचान राकेश किलोसिया से करवाई।

दुर्लभ कश्यप पर पहली बार हत्या का केस-

राकेश किलोसिया को अपने बिजनेस को चलाने के लिए लड़कों की जरूरत थी किलोसिया ने अपने पास के फार्म हाउस में दुर्लभ और दुर्लभ के टीम को दे दिया जहां यह लड़के रहते और खूब नशा करते हैं और नशे की हालत में यह कुछ भी करने को तैयार रहते हैं किसी को भी मारते-पीटते और चाकू से हमला करते हैं।

जनवरी 2018 में दुर्लभ और दुर्लभ की टीम अपने प्रतिद्वंदी टाक परिवार की टीम से आमने-सामने हो गए और जमकर लड़ाई हुई इसमें खूब हाथापाई और चाकू से वार किया दोनों परिवार अपने-अपने आदमियों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां फिर एक बार यह आमने-सामने हुए और फिर से इनमें लड़ाई हुई जिसमें टाक परिवार की गैंग का एक सदस्य मर गया और इस हत्या में दुर्लभ का नाम शामिल हुआ इस वक्त दुर्लभ की उम्र 18 वर्ष से कुछ कम थी। यह दुर्लभ पर पहली बार हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।

दुर्लभ कश्यप को जेल –

इस हत्या के बाद दुर्लभ और उसके साथी राजदीप को पड़कर जेल ले जाया गया जहां उसे शुरू में तो बाल सुधार ग्रह मे रखा गया 4 महीने बाद दुर्लभ कश्यप को जमानत मिल गई। वह जमानत पर बाहर आता है लेकिन अब वह काफी बदल चुका था|

वह उज्जैन छोड़ इंदौर में आकर दोस्त के साथ में रहने लगा यहां उसने अब धंधा करने का मन बना लिया था लेकिन इसी बीच अचानक लॉकडाउन लगता है और यह सभी दोस्त फिर वापस उज्जैन चले जाते हैं। वह उज्जैन छोड़ इंदौर में आकर दोस्त के साथ में रहने लगा यहां उसने अब धंधा करने का मन बना लिया था लेकिन इसी बीच अचानक लॉकडाउन लगता है और यह सभी दोस्त फिर वापस उज्जैन चले जाते हैं।

दुर्लभ कश्यप की गैंगवार में मौत-

उज्जैन पहुंचकर दुर्लभ अपनी मां के साथ में रहने लगता है वही एक दिन उसके दोस्त उससे मिलन आते हैं और रात को पार्टी करते हैं तभी कुछ दोस्तों को सिगरेट पीने का मन होता है तो वो पास के हैलवाड़ी मे रात्री मे सिगरेट लेने चल देते हैं जहां उनका विरोधी गैंग सक्रिय हुआ करता था।इस गैंग का नाम था – कुता कमीना चीज। शॉर्ट मे ये खुद को KKC Group कहते थे । इस गैंग का लीडर था रामीज। दुर्लभ रात्रि मे जहां चाय पीने, सिगरेट लेने गया था उस दुकान का मालिक था अमन जो कि रमीज का भाई था।

यहा पर दोनों गुट आमने सामने हो गए इनमे झड़प हुई और मार पीट भी, दुर्लभ कश्यप के साथी दुर्लभ को छोड़ कर भाग गए थे कुछ देर बाद जब वहां पुलिस पहुंची तो दुर्लभ की लाश वहाँ पडी हुई थी जिसमें चाकू से मारने के 34 निसान बने हुए थे इसप्रकार इस गैंगवार मे दुर्लभ बहुत बुरी तरह से मारा गया।

मौत के वक़्त दुर्लभ कश्यप की उम्र मात्र 20 की थी। इस प्रकार 16 वर्ष की उम्र मे अपराध की दुनिया मे आने वाला लड़का जिस पर 18 वर्ष की उम्र मे आपराधिक सजा मिलती है और 20 वर्ष की उम्र में मारा जाता है। मरने के वक़्त उस पर 11 आपराधिक मुक़दमे दर्ज थे।

दुर्लभ की कैसे बनी इतनी पहचान-

ये बात 2018 की जब राज्य मे चुनाव होने को थे, तब चुनाव 2 माह पहले उज्जैन के SP सचिन अतुलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं जिनमे शहर के अपराधी भी शामिल होते हैं उनकी कोशिश थी कि चुनाव से पहले अपराध और अपराधियों मे कंट्रोल किया जा सके| इस प्रेस मे एक पत्रकार पूछता है कि – दुर्लभ कश्यप कौन है? तब SP कहते हैं वो खुद बतायेगा| इस पर फटी हुई शर्ट पहने दुर्लभ अपना हाथ ऊपर करता है और यह वही समय है जब दुर्लभ कश्यप सोशल मीडिया मे छा जाता है यहीं से दुर्लभ को पहचान मिलती है एक अपराधी के रूप मे। और दुर्लभ की मीडिया में एक धांसू खतरनाक अपराधी के रूप में छवि बन जाती है|

दुर्लभ कश्यप | Durlabh Kashyap
दुर्लभ कश्यप

वास्तव में कहा जाय तो दुर्लभ की दहशतगर्त छवि बनाने में सोशल मीडिया ने भी बहुत बड़ा योगदान दिया है | दुर्लभ कश्यप की सोशल मीडिया में भी फैन फॉलोइंग काफी जबरदस्त थीजिसका फायदा उसे अपनी दमदार छवि बूस्ट करने में हुआ | उसे नयी उम्र के लड़के बहुत पसंद करने लगे थे |

दुर्लभ कश्यप का सोशल मीडिया हैंडल

दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर कैसे बना –

दुर्लभ का सोशल मीडिया मे अच्छा खासा दब दबा कायम था जब उसकी हत्या हुई तो उसके अंतिम संस्कार का शोर सोशल मीडिया मे जम कर किया गया, सोशल मीडिया पर live किया गया जो लोग उसे जानते भी नहीं थे वे भी उसकी अंतिम यात्रा में आए और उसके नाम का सोशल मीडिया मे एक अलग ही भौकाल बना कर रख दिया।

यदि अपराध की दृष्टि से देखा जाय तो उस पर जो भी मुकदमा दर्ज था सभी मे वह मारपीट और चाकू से हमला करने का आरोपी था जो कि एक सामन्य अपराधी मे होता है। जिवाजीगंज पुलिस अधीक्षक का कहना है कि – वह एक सामन्य अपराधी था उसे सोशल मीडिया ने गैंगस्टर बना दिया है। उस पर दर्ज सभी मुक़दमे मारपीट और चाकू से हमले के है।

दुर्लभ कश्यप गैंग की पहचान –

दुर्लभ और उसके साथी उज्जैन के दानी गेट इलाके मे बैठते थे जहां अंतिम संसार किया जाता था और अंतिम संस्कार करने वाले काला गमछा डाले रहते थे इसी से प्रेरित होकर अपनी वजन दार छवि बनाने के लिए दुर्लभ ने भी गमछा डालना शुरू कर दिया और अपने को बिल्कुल अलग दिखने के लिए माथे पर बिल्कुल अलग तरीके का लाल टीका तथा आँखों मे सूरमा लगाना शुरू कर दिया और यह दुर्लभ की ड्रेस कोड या फिर पहचान बन गई।

इसके अलावा दुर्लभ कश्यप को फोटो खिंचवाने का बहुत शौक था वह शहर के सभी प्रतिष्ठित फोटोग्राफर से अपनी फोटो खींच वाता था।

निष्कर्ष

दोस्तो इस पोस्ट मे मैने आपको एक अपराधी के जीवन के विषय में बताया है यहां सीखने वाली बात यह है कि आतंक का साम्राज्य ज्यादा देर तक नहीं चलता है आज भी बहुत से लड़के अपने आपको दुर्लभ कश्यप की तरह गैंगस्टर दिखाने वा फेमस होने के लिए अपराध करते है इन्हें इस बात का भी अंदाज होना चाहिए कि ये भी बहुत जल्द ही दुनिया को अलविदा कह सकते हैं। कहते ही कि जब दुर्लभ जेल में बंद था तब SP सचिन अतुलकर ने कहा था कि – “तू जब तक जेल में है सुरक्षित है जिस दिन बहार आएगा मार दिया जायेगा तूने इतने दुश्मन पाल लिए है कोई भी मार देगा” और हुआ भी सच इसलिए जो दुर्लभ की राह पर चलना चाहते है उन्हें दुर्लभ का अंत भी मालूम होना चाहिए |

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FAQ

दुर्लभ कश्यप कहा का था ?

दुर्लभ कश्यप उज्जैन मध्यप्रदेश का था |

दुर्लभ कश्यप कौन था ?

दुर्लभ कश्यप उज्जैन का एक अपराधी था जिस मर मारपीट और हत्या के मुक़दमे सहित 11 केश दर्ज थे |

दुर्लभ कश्यप इतना फेमस क्यों था ?

दुर्लभ कश्यप अपराध , मार पीट और अपनी विशेष ड्रेस कोड जिसमे गमछा , माथे पर पर लाल टीका और आँखों में सुरमा लगाना शामिल है, कि वजह से फेमस था |

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