अयोध्या जी में घूमने की जगह | Ayodhya me ghumne ki jagah

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Ayodhya me ghumne ki jagah: श्री राम जी की जन्मभूमि हिंदू धर्म के सात पवित्र शहरों में एक है। हिंदू धर्म के सात पवित्र शहर अयोध्या, मथुरा, काशी, हरिद्वार, उज्जैन, कांचीपुरम, और द्वारका है । अयोध्या नगरी सरयू नदी के किनारे पर स्थित एक बहुत ही खूबसूरत शहर है। अयोध्या को घाटों और मंदिरों का शहर भी कहा जाता है।

आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि अयोध्या में 5000 से भी ज्यादा छोटे-बड़े मंदिर आप हैं। इसके अलावा यहां पर कई पवित्र घाट है। जिनमें रामघाट, लक्ष्मण घाट, गुप्तार घाट और जानकी घाट प्रमुख है। कहते है कि इन घाटों पर स्नान करने मात्र से ही समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है। तो आज इस ब्लॉग में हम आपको अयोध्या जी के टूरिस्ट प्लेस के बारे में बताने जा रहे हैं तो आईए जानते हैं।

Ayodhya me ghumne ki jagah
Ayodhya me ghumne ki jagah

अयोध्या का इतिहास –

इतिहास की बात करें तो अयोध्या का इतिहास लगभग 9000 साल पुराना है। यहां पर आपको बहुत सारे मंदिर देखने को मिलेंगे बहुत सारे पर्यटन स्थल यहां पर है। जहां आप हिंदू संस्कृति को बिल्कुल नजदीक से देख सकते हैं न केवल नजदीक से देख सकते हैं बल्कि आप जब अयोध्या जाएंगे तो अपने आप को हिंदू होने पर गर्व भी महसूस करेंगे। आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि अयोध्या का नाम बदलकर मुगल शासको ने फैजाबाद कर दिया था तो इसका नाम कभी फैजाबाद भी हुआ करता था लेकिन बाद में जब योगी जी यूपी के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने इसका नाम बदलकर पुनःअयोध्या कर दिया।

Ayodhya Me Ghumne ki jagah –

अयोध्या, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक शहर है। यह भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है, जो हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं। अयोध्या हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और हर साल लाखों भक्त यहां आते हैं।

यहां अयोध्या में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहें हैं:

Ayodhya me ghumne ki jagah: राम बाट पर्वत-

राम बाट पर्वत
राम बाट पर्वत

रेलवे स्टेशन से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आपको बता दें कि यह वह स्थान है जहां भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्म हुआ था जी हां रामघाट पर्वत पर ही श्री राम जी का जन्म हुआ था तो कभी यहां भगवान श्री राम का एक मंदिर हुआ करता था जिसे राजा विक्रमादित्य के द्वारा बनवाया गया था लेकिन हुआ क्या बाद में जब मुगल शासक आए तो मुगल शासको ने बाबर ने इसे तुड़वा दिया

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बाबर ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था श्री राम जी के मंदिर को तोड़कर तो कर सेवकों के द्वारा इसे ध्वस्त कर दिया गया और इसके लिए बहुत विवाद चल वर्षों के लंबे इंतजार के बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में श्री राम जी की जन्म भूमि पर श्री राम जी का मंदिर निर्माण करने की स्वीकृति थी अब इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समय आ गया है 22 जनवरी 2024 को यह शुभ अवसर हम सबको प्राप्त हुआ है आप राम बाट पर्वत को देखने जरूर जाइए।

Ayodhya me ghumne ki jagah: हनुमानगढ़ी-

हनुमानगढ़ी
हनुमानगढ़ी

मंदिर भी रेलवे स्टेशन से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एक पहाड़ी की चोटी पर इस मंदिर को बनाया गया है बहुत ज्यादा ऊंचाई नहीं है आपको 76 सीड़िया है। और बाद में आप हनुमान जी के दर्शन करते हैं जी हां हनुमानगढ़ी भगवान हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर है |

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इस मंदिर में आपको हनुमान जी बाल स्वरूप में दिखाई देंगे क्योंकि इस मंदिर में माता अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं हनुमान जी। ऐसा कहता है कि जब भगवान श्री राम लंका से वापस अयोध्या आए थे तब उन्होंने अपने प्रिय भक्त प्रिय सखा प्रिय पुत्र कुछ भी कह लीजिए हनुमान जी को रहने के लिए यही स्थान दिया था, तो यह स्थान बहुत ही चमत्कारी स्थान है कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जब यहां हनुमान जी के बाल रूप के दर्शन करता है तो उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्णं हो जाती है।

Ayodhya me ghumne ki jagah: महाराजा दशरथ महल-

महाराजा दशरथ महल
महाराजा दशरथ महल

राजा दशरथ के महल के नाम से जाना जाता है आप उसे देखने जरूर जाइए दशरथ महल शहर के बिलकुल बीच आपको देखने को मिलेगा अगर हम हनुमानगढ़ी से इसकी दूरी की बात करें तो यह हनुमानगढ़ी से थोड़ी ही दूरी पर है तो राजा दशरथ जो है आप जानते ही हैं भगवान श्री राम जी के पिताजी हैं इस महल के अंदर आपको कई सारे मंदिर देखने को मिलेंगे जिनमें भगवान श्री राम का मंदिर है, लक्ष्मण जी का मंदिर है, माता सीता का मंदिर है, और भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां भी आपके यहां देखने को मिलेंगी तो यह महल अब एक मंदिर का रूप ले चुका है लेकिन यह है बड़ा खूबसूरत है तो आप अयोध्या जाए तो दशरथ महल देखनें जरूर जाएगा।

Ayodhya me ghumne ki jagah: कनक भवन –

कनक भवन
कनक भवन

यह कुछ इस तरह से बना हुआ है कि आपको ऐसा लगेगा कि मानो यह महल सोने का बना हुआ है और यहां पर भगवान श्री प्रभु श्री राम जी की एक सोने की मुकुट वाली प्रतिमा आपको देखने को मिलेगी शायद यही कारण है इसे सोने का घर कहते हैं कनक भवन अयोध्या के सबसे खूबसूरत और सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है यहां आपको इस भवन की अद्भुत वास्तुकला बहुत ही आकर्षित लगने वाली है इस मंदिर को भगवान श्री राम जी की माता केंकई ने विवाह के बाद में सीता जी को मुंह दिखाई के रूप में दिया था। यह बहुत ही प्राचीन भवन है और इसे देखना बनता है यह महल समय के साथ में खंडहर भी हो गया था, जिसे बाद में राजा विक्रमादित्य ने इसे पुनः निर्माण करवाया था और यह मंदिर हनुमानगढ़ी से बहुत ही नजदीक में है तो जब आप हनुमानगढ़ी दर्शनों के लिए जाए तो पैदल-पैदल आप कनक भवन देखनें जरूर जाएं।

Ayodhya me ghumne ki jagah: श्री राम जी की पौड़ी –

श्री राम जी की पौड़ी
श्री राम जी की पौड़ी

राम की पौड़ी नाम से एक स्थान है जहां पर आप स्नान जरूर करके आए जब भी आप राम की पौड़ी पर जाएं कहते हैं कि यहां स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा एक पौराणिक कहानी है, कि जब लक्ष्मण जी सभी तीर्थ स्थलों का भ्रमण करना चाहते थे तब भगवान श्री राम जी ने सरयू नदी के किनारे इस पौंडी की स्थापना की थी। और संध्या के समय सभी तीर्थ यहां पर स्नान करने के लिए प्रस्तुत हो जाता है जो भी उस समय इसमें स्नान करेगा वह इस तीर्थ के समान ही पुण्य को प्राप्त करेगा ऐसा श्री राम जी ने वरदान दिया था। आपको पता होगा कि भगवान श्री राम ने जल समाधि लेकर इस धरती को छोड़ा था तो जब भगवान श्री राम ने जल समाधि ली थी तो उसके बाद में यह पौंड़ी हजारों वर्षों तक सुखी रही जिसे बाद में कई लोगों ने इसका पुनर्निर्माण करवाया और सरयू नदी का पानी पंप के द्वारा अब राम पौंडी में डाला जाता है। लेकिन आप इसे देखने जरूर जाएं और स्नान भी जरूर करें।

Ayodhya me ghumne ki jagah: नागेश्वर नाथ मंदिर-

नागेश्वर नाथ मंदिर
नागेश्वर नाथ मंदिर

इस मंदिर का निर्माण भगवान श्री राम जी के पुत्र कुश के द्वारा करवाया गया था यह भी मान्यता है कि जब भगवान श्री राम के पुत्र कुश सरयू नदी में स्नान कर रहे थे तो उसी समय उनका बाजूबंद कहीं खो गया था |

वह बाजूबंद सरयू नदी में एक नाग कन्या के हाथ लग गया और इसी नागकन्या से कुश जी को प्रेम हो गया और वह नागकन्या जो थी वह शिव जी की बहुत बड़ी भक्त थी और इसी कारण से उस नागकन्या के लिए इस मंदिर का निर्माण करवाया था तो यह मंदिर भगवान श्री राम जी के पुत्र कुश के द्वारा निर्मित है नागेश्वर नाथ मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है तो ईसे जरूर देखने जाईए।

Ayodhya me ghumne ki jagah: गुप्तार घाट –

गुप्तार घाट
गुप्तार घाट

ये वह स्थान है जहां पर भगवान श्री राम जी ब्रह्मलीन हुए थे। यहीं पर भगवान श्री राम ने जल समाधि ली थी और अपने चतुर्भुज रूप में लोगों को दर्शन देकर बैकुंठ धाम को पधारे थे तो यहां भी स्नान करने का बड़ा महत्व है।आप गुप्तार घाट पर भी स्नान करने जा सकता है।

Ayodhya me ghumne ki jagah: त्रेता के ठाकुर-

त्रेता के ठाकुर
त्रेता के ठाकुर

यह बहुत प्राचीन मंदिर है। और इस मंदिर में भी आपको श्री राम जी लक्ष्मण जी सीता माता हनुमान जी भरत और शत्रुघ्न की प्राचीन मूर्तियां है जो कि कले बलवा पत्थर से बई हुई है यहां देखने का आपको सुख मिलेगा यह भी कहते हैं कि यहीं पर भगवान श्री राम जी ने अश्वमेध यज्ञ किया था तो त्रेता के ठाकुर मंदिर देखने आप जरूर जाइए ये देखना तो बनता है।

श्री सीता रसोई –

श्री सीता रसोई
श्री सीता रसोई

सीता की रसोई इसको नाम इसलिए दिया गया है कहते है कि इस स्थान पर माता-पिता कभी खाना बनाया करती थी वैसे अभी यह एक मंदिर है लेकिन इसके कोने में किचन बनी हुई है जिसे सीता की रसोई नाम दे दिया गया है तो आप इस मंदिर को देखने भी जा सकते हैं।

तुलसी स्मारक भवन –

तुलसी स्मारक भवन
तुलसी स्मारक भवन

यह भवन महान कवि तुलसीदास जी की स्मृति स्वरूप बनवाया गया है जिन्होंने महान ग्रंथ रामचरितमानस की रचना की थी यह भवन 1969 में बनवाया गया था तो आप इसे भी देखने जा सकते हैं।

मणि पर्वत-

अयोध्या में मणि पर्वत नाम का स्थान बड़ा ही पावन स्थान है इसके बारे में कहा जाता है कि जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी थी तो हनुमान जी द्वारा ले गए पर्वत का एक हिस्सा यहां पर गिरा है और यह पर्वत यहां इसलिए गिरा है क्योंकि जब हनुमान जी अयोध्या से पर्वत लेकर लंका जा रहे थे तो भरत जी की नजर पड़ी और उन्होंने कोई रक्षाश या कोई दुश्मन जैसा संदेह मानकर उन पर बाढ़ प्रहार किया और वह पर्वत समेत यहां गिर गए तो वह पर्वत यहां पर टूटकर गिर गया यह वही पर्वत है इसे देखने आप जरूर जाए।

दशरथ जी की समाधि-

यह दशरथ जी की समाधि स्थल है जो अयोध्या से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तो आप इसे देखने भी जा सकते हैं।

सूरजकुंड-

यहां प्राकृतिक जल भरा हुआ रहता है कहते है कि भगवान श्री राम के जितने भी वंशज हुए थे वह सभी लोग यहां पर आकर स्नान – ध्यान किया करते थे। भगवान सूर्य की उपासना किया करते थे। अब इस कुंड की एक मान्यता यह भी है कि इस जल में स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं तो सूरजकुंड स्नान करके जरूर आईए डुबकी लगाकर जरूर आईए।

अयोध्या कब जाएं-

अयोध्या वैसे पूरे साल ही आप जा सकते हैं मौसम यहां का बहुत ही सुहावना रहता है बहुत ही अच्छा रहता है लेकिन यदि आप अक्टूबर से दिसंबर के बीच में जाते हैं तो यहां पर काफी सर्दी पड़ती है। और ज्यादातर जो उत्सव होतें है वह इन्हीं महीनों में पड़तें हैं तो कोशिश कीजिए कि अच्छा समय जो है अक्टूबर से दिसंबर का है आप उस समय जाईए।

अयोध्या कैसा जाए –

तो देखिए अयोध्या जो देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है आप अयोध्या ट्रेन से जा सकते है बसें भी आपको आसानी से मिल जाएंगी तो आप रेल से जा सकते हैं

वायु मार्ग द्वारा –

यदि आप हवाई जहाज से आना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा फैजाबाद हवाई अड्डा है जो की 8 किलोमीटर की दूरी पर है तो आप फैजाबाद आ सकते हैं

इसके अलावा आप लखनऊ आ जाइए लखनऊ से 130 किलोमीटर की दूरी पर है अयोध्या और लखनऊ से आपको काफी सारी बस मिल जाएगीं |

अयोध्या का प्रसिद्ध भोजन –

अयोध्या एक प्राचीन शहर है जो अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। यह भगवान राम की जन्मस्थली होने के कारण भी प्रसिद्ध है। अयोध्या का भोजन भी काफी प्रसिद्ध है और यहां कई स्वादिष्ट व्यंजन हैं।

यहां अयोध्या के कुछ प्रसिद्ध व्यंजन हैं:

  • दाल कचौड़ी: यह एक लोकप्रिय व्यंजन है जो दाल और चावल से बनी कचौड़ी से बना होता है। इसे आमतौर पर दही या चटनी के साथ परोसा जाता है।
  • बैंगन का भरता: यह एक स्वादिष्ट व्यंजन है जो बैंगन, टमाटर और मसालों से बना होता है। इसे आमतौर पर रोटी या चावल के साथ परोसा जाता है।
  • मलाई की कचौड़ी: यह एक मीठा व्यंजन है जो मैदा और खोया से बनी कचौड़ी से बना होता है। इसे आमतौर पर रबड़ी या चाशनी के साथ परोसा जाता है।
  • पंजीरी: यह एक मीठा व्यंजन है जो गेहूं के आटे, घी और चीनी से बना होता है। इसे आमतौर पर दूध या दही के साथ परोसा जाता है।

अयोध्या में कहां रुके –

ठहरने के लिए बहुत सारी जगह है आपके बजट के अनुसार आप रह सकते हैं ₹500 से आपको यहां रूम मिल जाएंगे और जितना आप खर्च कर सकतें है खर्च करने की कोई सीमा नहीं है।

मोती महल अयोध्या शहर से कुछ दूरी पर स्थित है जिसका निर्माण 1743 ई का माना जाता है यह महल मुगल वास्तुकला से निर्मित है और यहां भी काफी संख्या में पर्यटक आते हैं आपको भी अगर आप अच्छा लगता है आपको प्राचीन महल देखना आप जा सकते हैं तो यह तो है अयोध्या के वह ऐसे फेमस और प्रसिद्ध स्थान जहां आप को जरूर से जाना चाहिए इसके अलावा छोटे-बड़े बहुत सारे मंदिर है तो उनको आप अगर दर्शन करेंगे तो बहुत ज्यादा समय चाहिए आपको मुख्य मुख्य आकर्ष

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